ताइपे: चीन की धमकी के बावजूद अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी ने ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन से मुलाकात की। पेलोसी मंगलवार रात ताइपे पहुंची थी. उनके स्वागत के लिए राष्ट्रपति साई इंग-वेन ताइपे एयरपोर्ट पर आई थीं। वहीं आज नैंसी पेलोसी ने ताइवान की संसद को संबोधित किया। पेलोसी ने राष्ट्रपति को उनके नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया और अंतर-संसदीय सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।
ताइवान में अमेरिकी स्पीकर पेलोसी ने कहा कि अमेरिका ने हमेशा ताइवान के साथ खड़े रहने का वादा किया है। दोस्ती बढ़ाने और शांति का संदेश देने आए हैं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। ताइवान का साथ देंगे। इस मजबूत नींव पर, हमारी आर्थिक समृद्धि के लिए प्रतिबद्ध क्षेत्र और दुनिया में पारस्परिक सुरक्षा पर केंद्रित स्व-सरकार और आत्मनिर्णय पर आधारित एक संपन्न साझेदारी है।
उन्होंने कहा कि हम दुनिया के सबसे स्वतंत्र समाजों में से एक होने के लिए ताइवान की सराहना करते हैं। चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए अमेरिकी चिप उद्योग को मजबूत करने के उद्देश्य से नया अमेरिकी कानून "यूएस-ताइवान आर्थिक सहयोग के लिए अधिक अवसर प्रदान करता है।"
वहीं ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग वेन ने कहा कि अमेरिकी स्पीकर पेलोसी वास्तव में ताइवान के सबसे समर्पित मित्रों में से एक हैं। ताइवान के लिए अमेरिकी कांग्रेस के कट्टर समर्थन को प्रदर्शित करने के लिए ताइवान की यह यात्रा करने के लिए हम आपके आभारी हैं।
दरअसल ताइवान की यात्रा करने वाली पिछले 25 वर्षों में सबसे उच्च स्तर की अमेरिकी अधिकारी हैं। वहीं चीन ने मंगलवार को चेतावनी दी कि उसकी चेतावनियों के बावजूद हो रही अमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा का द्विपीक्षय संबंधों पर ‘गंभीर असर' पड़ेगा। क्योंकि यह क्षेत्र की शांति और स्थिरता को ‘गंभीर रूप से कमजोर' करता है। उसकी सरकारी मीडिया ने कहा कि सेना उनकी यात्रा का मुकाबला करने के लिए ‘लक्षित' अभियान चलाएगी।
चीन के विदेश मंत्रालय ने एक कड़ा बयान जारी कर कहा कि उनकी यात्रा 'एक-चीन सिद्धांत और चीन-अमेरिका के तीन संयुक्त सहमति पत्रों के प्रावधानों का गंभीर उल्लंघन है।” दरअसल चीन ताइवान को अपना क्षेत्र बताता है और कहता है कि वह उसे अपने में मिलाएगा।
बता दें कि पेलोसी इस दिनों एशिया के दौरे पर हैं. न तो उन्होंने और न ही उनके कार्यालय ने ताइपे की यात्रा की पुष्टि की थी। वहीं कई अमेरिकी और ताइवानी मीडिया आउटलेट्स में जब ये खबर छपी की वह ताइपे आ रही हैं, तो चीन ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।