कोलंबो: श्रीलंका में आज हुए राष्ट्रपति चुनाव में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुन लिए गए। उन्होंने त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल की। सांसदों ने मंगलवार को उम्मीदवारों के रूप में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे समेत तीन नामों का प्रस्ताव किया था। रानिल विक्रमसिंघे को 134 सांसदों का समर्थन मिला है। उनके प्रतिद्वंदी दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 वोट ही मिले। राष्ट्रपति चुनाव में तीसरे उम्मीदवार अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन वोट ही मिले। श्रीलंका के नवनियुक्त राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि देश बहुत मुश्किल स्थिति में है, हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं।
नवंबर 2024 को खत्म होगा कार्यकाल
श्रीलंका में आज हुए नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए राजपक्षे परिवार के दबदबे वाली एसएलपीपी पार्टी का समर्थन रानिल विक्रमसिंघे को मिला हुआ था। श्रीलंका की 225 सदस्यीय संसद में एसएलपीपी बहुमत में है। नए राष्ट्रपति चुने गए विक्रमसिंघे नवंबर 2024 तक पूर्व राष्ट्रपति राजपक्षे के शेष कार्यकाल के लिए पद पर रहेंगे।
राष्ट्रपति पद के लिए जिन तीन नामों का प्रस्ताव किया गया था उनमें रानिल विक्रमसिंघे (73), दुल्लास अल्हाप्पेरुमा(63) और अनुरा कुमारा दिसानायके (53) शामिल थे। अल्हाप्पेरुमा कट्टर सिंहली बौद्ध राष्ट्रवादी और सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के सदस्य हैं। उन्हें मुख्य विपक्षी नेता एस. प्रेमदासा ने समर्थन देकर अपना नाम वापस लिया है। वहीं, दिसानायके वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के प्रमुख सदस्य हैं।
इससे पूर्व विक्रम सिंघे व विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा समेत अनेक नेताओं ने संसद पहुंचकर मतदान किया। प्रेमदासा ने ट्वीट कर कहा था कि हम भ्रष्टाचार विरोधी, सभी के लिए समृद्धि, विश्वसनीय और पारदर्शी सरकार का समर्थन करेंगे।' प्रेमदासा ने कल राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी।
राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर फिर प्रदर्शनकारी उमड़े
विक्रमसिंघे के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद राष्ट्रपति सचिवालय के बाहर एक बार फिर प्रदर्शनकारी उमड़ पड़े हैं। उनका विरोध किया जा रहा है।
मैं राजपक्षे प्रशासन का हिस्सा नहीं था : विक्रमसिंघे
राष्ट्रपति चुनाव से ठीक पहले देश के कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने विभिन्न मुद्दों को लेकर बदनाम हुई राजपक्षे सरकार से दूरी बनाते हुए कहा था कि वह 'उस प्रशासन' में नहीं थे और उन्हें दिवालिया देश की ‘अर्थव्यवस्था को संभालने’ के लिए नियुक्त किया गया था।
इसलिए संसद चुनती है नया राष्ट्रपति
श्रीलंका के संविधान के मुताबिक बीच कार्यकाल में निर्वाचित राष्ट्रपति के हट जाने पर संसद नए राष्ट्रपति का चुनाव करती है। देश में चल रहे जोरदार सरकार विरोधी आंदोलन के कारण 2019 के चुनाव में विजयी हुए गोतबाया राजपक्षे 13 जुलाई को देश छोड़ कर भाग गए थे। बाद में उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया था। श्रीलंका की संसद में 225 सदस्य हैं। इनमें से कितनों ने वोट डाले और विक्रमसिंघे को कितने का समर्थन मिला, यह अभी पता नहीं चला है।
कड़ी सुरक्षा के बीच हुए चुनाव
श्रीलंका की संसद के अध्यक्ष महिंदा यापा अभयवर्धने की शिकायत के बाद मंगलवार को श्रीलंका संसद परिसर में तथा उसके आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच आज चुनाव कराए गए। अभयवर्धने ने आईजी के समक्ष सांसदों को सोशल मीडिया पर धमकी देने वाले भड़काऊ संदेशों के खिलाफ विस्तृत जांच की मांग की थी। इसके बाद, संसद परिसर में और उसके आसपास पुलिस तथा सेना को तैनात किया गया था। सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों ने भी शिकायत की थी कि उन्हें सोशल मीडिया पर कार्यवाहक राष्ट्रपति विक्रमसिंघे के खिलाफ मतदान करने की धमकी दी जा रही है।
श्रीलंका में तैनात भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी विवेक वर्मा बेवजह किए गए हमले में घायल हो गए। भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उच्चायोग ने भारतीय नागरिकों से श्रीलंका में नवीनतम घटनाओं से अवगत रहने और उसके हिसाब से आवाजाही करने और अन्य गतिविधियों की योजनाएं बनाने के लिए कहा है। बता दें, श्रीलंका में आर्थिक व सियासी संकट के चलते अशांति के हालात हैं। उच्चायोग ने ट्वीट किया, वीजा केंद्र के निदेशक विवेक वर्मा से मुलाकात की और मामला श्रीलंकाई अधिकारियों के ध्यान में भी लाया गया। उच्चायोग ने किसी भी बुरी स्थिति में उससे संपर्क करने को कहा।