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नई दिल्ली: युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने की कोशिश के बीच शनिवार को 219 नागरिकों को लेकर एयर इंडिया का पहला विमान रोमानिया से रवाना हो चुका है। फ्लाइट रात करीब 9 बजे मुंबई में उतरेगी। रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद पूर्व सोवियत गणराज्य से भारत की यह पहली फ्लाइट है। इसके बाद एक फ्लाइट दिल्ली के लिए भी रवाना होगी।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से निकाले गए भारतीयों को लेकर रोमानिया से पहली उड़ान कुछ समय पहले मुंबई के लिए रवाना हो गई। बता दें कि रूस के साथ बढ़ते तनाव के कारण यूक्रेनी हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया गया है। जिसके बाद वहां फंसे हुए भारतीय नागरिकों को प्रस्थान के वैकल्पिक मार्ग के लिए बुखारेस्ट ले जाया गया था।

उड़ान भारतीय समयानुसार रात करीब 9 बजे छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल उन्हें रिसीव करेंगे। जयशंकर ने ट्विटर पर विमान में बैठे लोगों की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि भारत फंसे हुए नागरिकों को निकालने के प्रयासों में प्रगति कर रहा है।

बता दें, युद्ध शुरू होने के बाद 24 फरवरी की सुबह से यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नागरिक विमान संचालन के लिए बंद कर दिया गया है, इसलिए निकासी उड़ानें पड़ोसी देशों से संचालित हो रही हैं। एअर इंडिया यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट के लिए शनिवार को और उड़ानें संचालित करेगी।

एअर इंडिया का शनिवार तड़के करीब तीन बजकर 40 मिनट पर मुंबई हवाईअड्डे से उड़ान भरी और वह भारतीय समयानुसार सुबह करीब 10 बजकर 45 मिनट पर बुखारेस्ट हवाईअड्डे पर पहुंचा। एक अधिकारी ने बताया कि जो भी भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से यूक्रेन-रोमानिया सीमा पर पहुंचे थे, उन्हें भारत सरकार के अधिकारी बुखारेस्ट ले गए ताकि उन्हें एअर इंडिया की उड़ान के जरिए स्वदेश लाया जा सके।

अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन में फिलहाल करीब 20,000 भारतीय फंसे हुए हैं जिनमें ज्यादातर विद्यार्थी हैं. यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने से पहले एअर इंडिया ने 22 फरवरी को यूक्रेन की राजधानी कीव के लिए एक विमान भेजा था। जिसमें 240 लोगों को भारत वापस लाया गया था। उसने 24 और 26 फरवरी को दो और उड़ानों के संचालन की योजना बनायी थी। लेकिन रूस के 24 फरवरी को आक्रमण शुरू करने और इसके बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण ऐसा नहीं किया जा सका।

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