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अंकारा: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के दूसरे दिन तुर्की के राष्ट्रपति तयैप एर्दोगान ने यूक्रेन का समर्थन किया है। तुर्की के रूस और यूक्रेन दोनों से ही रिश्ते ठीक रहे हैं और व्यापारिक संबंध भी हैं। लेकिन तुर्की ने कहा है कि केवल निंदा करने से काम नहीं चलेगा। नाटो को निर्णायक कदम उठाने होंगे।

तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने शुक्रवार को कहा है कि रूस के यूक्रेन पर हमले को लेकर नाटो और पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया निर्णायक नहीं है। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि कि शुक्रवार को होने वाले नाटो समिट एलायंस की तरफ से और अधिक निर्णायक अप्रोच अपनाई जाएगी। नाटो सदस्य तुर्की की सीमा यूक्रेन से लगती है और काले सागर में रूस से लगती है और तुर्की के दोनों ही देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं। तुर्की ने रूस से यूक्रेन पर हमला रोकने को कहा है और यूक्रेन की सीमाई संप्रुभता का समर्थन किया।

पत्रकारों से एर्दोगान ने कहा, "ईयू और सभी पश्चिमी मानसिकता यूक्रेन मुद्दे पर मजबूत नहीं दिख रही है। वो लगातार यूक्रेन को सलाह दे रहे हैं। सलाह से कुछ नहीं होगा।

उन्होंने कहा, अगर आप कदमों की बात करें तो अभी तक कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।"

यूक्रेन ने की थी तुर्की से काला सागर बंद करने की अपील

गुरुवार को यूक्रेन ने तुर्की से कहा था कि वो 1936 में हुए एक समझौते के अनुसार मेडिटेरियन सी और ब्लैक सी को जोड़ने वाली बोसफोरस और डेरडेनेल्स स्ट्रेट्स को बंद कर दे। लेकिन अंकारा ने शुक्रवार को कहा कि वो रूसी युद्धपोत को काले सागर में जाने से नहीं रोक सकते क्योंकि समझौते के अनुसार रूसी पोत को अपने बेस पर लौटने का अधिकार है।

तुर्की के रूस के साथ रक्षा और उर्जा पर करीबी रिश्ते हैं लेकिन तुर्की ने यूक्रेन को भी ड्रोन बेचे हैं और साथ में ड्रोन बनाने के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। तुर्की सीरिया और लीबिया में भी रूसी नीति का विरोध करता है और 2014 में रूसी समर्थन से क्रीमिया को यूक्रेन से अलग किए जाने का भी तुर्की विरोध करता है।

एर्दोगान ने पहले इस संकट की मध्यस्थता करने की बात कही थी लेकिन यूक्रेन पर हमले के बाद रूस ने कहा कि मैं मास्को के हमले के "बहुत दुखी" हूं। यह क्षेत्रीय शांति के लिए "बड़ा नुकसान" है।

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