वॉशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन में पेंटागन को युद्ध के लिए अपने तरीके से नीतियां बनाने की और ज्यादा आजादी मिल गई है। अब पेंटागन अपने महत्वपूर्ण फैसले लेने के लिए उसे व्हाइट हाउस से बार-बार इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। सेना में कई लोग स्वायत्ता बढ़ाए जाने की सराहना कर रहे हैं लेकिन आलोचकों का कहना है कि इससे आम नागरिकों की मौत की दर बढ़ रही है, इसके अलावा अमेरिकी सैनिकों के जीवन पर जोखिम भी बढ़ रहा है। यह उत्तर सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह के खिलाफ लड़ाई में और खुलकर नजर आया है जहां पूर्ववर्ती बराक ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिकी योजनाओं में मामूली बदलाव को भी व्हाइट हाउस की गहन छानबीन से गुजरना पड़ता था। ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से मरीन कॉर्प्स के जरिए सीरिया में भारी और आधुनिक हथियारों से संबंधित इकाई तैनात की जा चुकी है, सेना के हजारों रेंजरों को भेजा गया है जिसके साथ ही वहां कुल 1,000 अमेरिकी बल तैनात किए गए हैं। कमांडरों ने संभावना जताई है कि सैकड़ों और बलों को तैनात किया जा सकता है। पेंटागन ने इस हफ्ते घोषणा की थी कि दुश्मन के कब्जे वाले इलाकों में उसने स्थानीय बलों को तोपें और हेलीकाप्टर मुहैया करवाए हैं। पेंटागन को मिली छूट का संकेत राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) के महत्व को कम कर दिए जाने से मिलता है जो विदेश और सैन्य नीति में समन्वयक की भूमिका निभाता रहा है और राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंडे को लागू करता रहा है।
पूर्ववर्ती बामा प्रशासन तले एनएससी इराक, सीरिया और अफगानिस्तान में अमेरिकी युद्धों के हर एक पहलू पर नजर रखता था और पेंटागन प्रमुख एश कार्टर को बहुत ही थोड़ी छूट हासिल थी। लेकिन इसके विपरीत ट्रंप का कई सैन्य फैसलों पर अपने रक्षा मंत्री जिम मैटिस से अलग रूख रहा है। सेवानिवृत्त जनरल मैटिस ने युद्ध क्षेत्र में अपने कमांडरों को और अधिकार दिए हैं। पेंटागन के प्रवक्ता क्रिस शेरवुड ने कहा, जिम मैटिस को सैन्य अभियानों को अपने तरीके से अंजाम देने की छूट दी गई है। इराक और सीरिया में अमेरिका आईएस से लड़ रहा है जबकि अफगानिस्तान में वह तालिबान के खिलाफ खड़ा है। यहां वह स्थानीय बलों के जरिए लड़ रहा है और उन्हें हवाई शक्ति मुहैया करवा रहा है। रणनीति में पूरी तरह बदलाव नहीं आया है लेकिन कमांडरों को सैनिकों और उपकरणों की तैनाती से संबंधित फैसले लेने के और अधिक अधिकार दिए गए हैं। सैनिकों की संख्या बढ़ाना ओबामा के लिए इस मायने में महत्व रखता था क्योंकि उनका प्रचार अभियान पश्चिम एशिया में युद्ध को खत्म करने और मैदान में अमेरिकी सैनिकों को नहीं उतारने पर आधारित था। सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के प्रमुख सीनेटर जॉन मैक्केन एनएससी के जरूरत से ज्यादा नियंत्रण की आलोचना करते रहे हैं। उन्होंने युद्ध क्षेत्र के कमांडरों को छूट देने का समर्थन किया है।