वॉशिंगटन: व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका उत्तर कोरिया की ओर से परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों के बढ़ते खतरे के खिलाफ नये कूटनीतिक, सुरक्षा एवं आर्थिक विकल्पों को तलाश रहा है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव सीन स्पाइसर ने संवाददाताओं से कहा, ‘उत्तर कोरिया के परमाणु एवं बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रमों से उत्पन्न गंभीर एवं बढ़ते खतरे के खिलाफ अमेरिका अपने सहयोगियों के साथ मिलकर कूटनीतिक, सुरक्षा एवं आर्थिक उपायों की नयी श्रेणी तलाश रहा है।’ अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की टिप्पणी के कुछ दिन बाद इस संबंध में व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है। टिलरसन ने कहा था उत्तर कोरिया मिसाइल परीक्षणों को अंजाम देने समेत उकसावे वाले कई बर्ताव करता रहा है, जिससे संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का कथित उल्लंघन हुआ है और इसी कारण उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका द्वारा अब तक बरता जा रहा सामरिक धैर्य अब जवाब दे रहा है। अमेरिकी कांग्रेस के सांसद एवं सदन की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष एड रॉयस ने उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को और सख्त करने के लिये प्रतिनिधि सभा में द्विदलीय कानून पेश किया है। उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिये ‘कोरियन इंटरडिक्शन एंड मॉडर्नाइजेशन ऑफ सैंक्शंस एक्ट, एच.आर. 1644’ में प्रतिबंधों का विस्तार किया गया है और इसमें उत्तर कोरिया के दास श्रमिकों को रोजगार देने वाले देशों को भी निशाना बनाया गया है।
दास श्रमिक उत्तर कोरियाई शासन के लिए सालाना अरबों डॉलर के राजस्व का स्रोत हैं। इसमें उत्तर कोरिया के नौवहन एवं अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों के इस्तेमाल पर कड़ी कार्रवाई का भी प्रावधान है। इसमें यह भी कहा गया है कि प्रशासन यह सुनिश्चित करे कि उत्तर कोरिया आतंकवाद प्रायोजित देश है या नहीं? रॉयस ने कहा, ‘उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों के जखीरे से अमेरिका के लिये जबर्दस्त खतरा बढ़ा है। कई लोगों का मानना है कि जल्द ही किम जोंग उन प्रशासन परमाणु युद्धक हथियारों से हमारे सभी 50 राज्यों एवं एशियाई सहयोगियों को निशाना बनाने में सक्षम होगा।’ हेरिटेज फाउंडेशन में पूर्वोत्तर एशिया के लिये वरिष्ठ शोधार्थी ब्रूस क्लिंगर ने सदन की विदेश मामलों की समिति के समक्ष अपने बयान में कहा कि कोरियाई प्रायद्वीप में सुरक्षा की स्थिति चिंताजनक है और यह बिगड़ती जा रही है। उन्होंने कहा, ‘पूर्वोत्तर एशिया में शांति एवं स्थिरता बनाये रखने से जुड़ी निराशाओं की एक भयावह लंबी फेहरिस्त है।’ उन्होंने कहा कि ट्रम्प प्रशासन की उत्तर कोरिया नीति की समीक्षा के चलते अमेरिका एशियाई चिंता, खतरों और संकटों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि शुरुआती संकेतों के अनुसार प्रशासन रक्षा क्षमताओं में सुधार, विशेषकर बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा पर जोर देगा, शासन पर दबाव की रणनीति अपनायेगा और संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों को पूरी तरह लागू करने के लिए बीजिंग को अपने साथ लेने के तरीके तलाशेगा। फाउंडेशन फॉर डिफेंस ऑफ डेमोक्रेसीज के वरिष्ठ सहयोगी एंथनी रूजियेरो ने कहा कि क्षेत्र में अपने सहयोगियों के समर्थन से ट्रम्प प्रशासन चीन तथा उत्तर कोरिया पर सख्ती बरतते हुए उत्तर कोरिया पर नये प्रतिबंधों को लाकर एवं पहले से मौजूद प्रतिबंधों में मजबूती लाकर कहीं अधिक प्रभावी उत्तर कोरिया नीति लेकर आयेगा। रूजियेरो ने कहा, ‘उत्तर कोरिया अमेरिका और हमारे सहयोगियों के खिलाफ सीधे सीधे खतरा पैदा कर रहा है और निश्चित तौर पर हमें उत्तर कोरिया प्रतिबंध प्रयासों के प्रति अपने दृष्टिकोण में आवश्यक बदलाव करना होगा।’