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नई दिल्ली: पाकिस्तान को लड़ाकू विमानों की प्रस्तावित बिक्री रोकने की अमेरिकी सांसदों की मांग के बावजूद ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान को आठ एफ-16 लड़ाकू विमान बेचने के अपने फैसले के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को अधिसूचित कर दिया है। इस पर भारत ने अपनी नाराजगी स्पष्ट शब्दों में जता दी है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि पाकिस्तान को एफ16 विमानों की बिक्री पर अपनी नाखुशी जाहिर करने के लिए भारत ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा को साउथ ब्लॉक तलब किया है। भारत ने अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा से मिलकर ओबामा प्रशासन के निर्णय पर अपनी ‘‘नाखुशी और निराशा’’ जाहिर की। विदेश सचिव एस जयशंकर ने वर्मा को साउथ ब्लॉक में तलब किया और उन्हें पाकिस्तान को अमेरिकी सैन्य मदद को लेकर भारत की चिंताओं के बारे में बताया।

भारत का मानना है कि इस प्रकार की सैन्य मदद का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए किया जाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत पाकिस्तान को एफ-16 विमान बेचने के अमेरिका के निर्णय से निराश है और इस तर्क से सहमत नहीं है कि इस प्रकार के हथियारों के हस्तांतरण से आतंकवाद से निपटने में मदद मिलेगी। 70 करोड़ डॉलर की इस डील के तहत अमेरिका पाकिस्तान को ऐसे फ़ाइटर प्लेन देगा जो हर तरह के मौसम में हमला करने में सक्षम हैं।

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