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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरूवार को कहा कि इसने भारत-पाक तनावों को कम करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुने गए डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मध्यस्थता किए जाने की चुनाव प्रचार के दौरान की गई पेशकश का स्वागत किया है। इसने नये ट्रंप प्रशासन के साथ करीबी रूप से काम करने की इच्छा जाहिर की है। विदेश कार्यालय प्रवक्ता नफीस जकारिया ने कल आम चुनाव में ट्रंप को मिली जीत पर यहां साप्ताहिक न्यूज ब्रीफिंग में सवालों का जवाब देते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुने गए ट्रंप ने प्रचार के दौरान कश्मीर विषय पर पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश की थी और हमने इस पेशकश का स्वागत किया है। हालांकि, खबरों में यह जिक्र नहीं किया गया कि ट्रंप ने कश्मीर का विशेष रूप से कोई जिक्र किया है। रेडियो पाकिस्तान ने भी जकारिया का हवाला देते हुए कहा कि कश्मीर के लोगों ने आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए कुर्बानी दी है और कश्मीर में भारतीय सेनाओं की जारी प्रता़ड़ना से पाकिस्तान चिंतित है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के हितों को नैतिक, राजनीतिक और कूटनीतिक समर्थन देने के अलावा मानवाधिकार उल्लंघनों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना जारी रखेगा। प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान दोनों देशों के पारस्परिक हित के लिए नये अमेरिकी प्रशासन के साथ करीबी तौर पर काम करने के लिए आशावादी है।

सिंधु जल समझौता का भारत द्वारा कोई उल्लंघन किए जाने के सवाल के बारे में पूछे जाने पर जकारिया ने कहा कि पाकिस्तान ने मध्यस्थता के लिए विश्व बैंक का रूख किया है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने समझौता विस्फोट घटना की जांच में अपने वादों को पूरा नहीं किया है। जकारिया ने कहा कि भारत ने हमारे साथ कुछ भी साझा नहीं किया है।

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