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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

काठमांडो: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज अपनी नेपाली समकक्ष विद्या देवी भंडारी के साथ भारत-नेपाल संबंधों को और मजबूती प्रदान करने के विषय पर चर्चा की जो नये संविधान को लागू करने के मुद्दे पर तनाव में आ गए थे । प्रणब मुखर्जी आज त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे जहां राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने उनकी आगवानी की। बाद में दोनों नेताओं की राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में बैठक हुई। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने यहां कहा, ‘द्विपक्षीय बैठक गर्मजोशी भरी और सौहार्दपूर्ण थी।’ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता भरत राज पौडियाल ने कहा, ‘भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भंडारी और नेपाल के लोगों को पिछले वर्ष संविधान सभा के जरिये संविधान को अंगीकार किये जाने पर बधाई दी।’ पिछले वर्ष संविधान का अंगीकार किये जाने को लेकर मधेशियों के साथ संबंध तनावपूर्ण हो गए थे जिसमें से अधिकांश भारतीय मूल के हैं। इस विषय पर मधेशियों ने संसद में बेहतर प्रतिनिधित्व और नये संविधान के संघीय ढांचे के मुद्दे पर छह महीने तक विरोध प्रदर्शन किया था। इनके नाकेबंदी के कारण दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे । नेपाल ने भारत पर ‘अनाधिकारिक नाकेबंदी’ करने का आरोप लगाया था जिसे भारत ने सिरे से खारिज किया था। पौडियाल के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रीत किया और दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंधों को और मजबूत बनाने की जरूरत पर बल दिया। बैठक के दौरान नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरण माहत, पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जीवन बहादुर शाही और विदेश सचिव शंकर दास बैरागी मौजूद थे। बहरहाल, प्रणब मुखर्जी भारतीय दूतावास में भारतीय राजदूत रंजीत राय की ओर से आयोजित भोज में शामिल हुए।

समारोह के दौरान उपराष्ट्रपति नंद बहादुर पुन, कई मंत्री, विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता, सांसद, सरकार के वरिष्ठ अधिकारी, नागरिक समाज के सदस्य और पत्रकारों ने भी हिस्सा लिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नेपाल की तीन दिवसीय यात्रा पर आए हुए हैं जो पिछले 18 वर्षों में किसी भारतीय राष्ट्रपति की इस देश की पहली यात्रा है। इससे पहले 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन नेपाल की राजकीय यात्रा पर आए थे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कल सुबह पशुपतिनाथ मंदिर जाने का भी कार्यक्रम है। वे प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ से मिलेंगे। वे चार नवंबर को जनकपुर में राम जानकरी मंदिर भी जायेंगे। नेपाल सरकार ने प्रणब मुखर्जी का स्वागत करने के लिए आज राष्ट्रीय अवकाश की घोषणा की है। इसके साथ ही राजधानी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भाम्रे, सांसद भुवनेश्वर कलिता, एल गणेशन, जगदम्बिका पाल और आर के सिंह गए हैं। शिष्टमंडल में विदेश सचिव एस जयशंकर भी शामिल हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी तीन नवंबर को पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। इसके बाद राष्ट्रपति को काठमांडो विश्वविद्यालय से मानद डिग्री प्रदान की जायेगी। बाद में वे काठमांडो में एक भोज में शामिल होंगे। राष्ट्रपति नेपाल के नीति अनुसंधान प्रतिष्ठान और इंडिया फाउंडेशन की ओर से आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। चार नवंबर को जनकपुर में उनके सम्मान में एक भोज का आयोजन करने का कार्यक्रम है जो मधेशी समुदाय के विरोध का केंद्र रहा है। यहां वे स्थानीय लोगों से चर्चा करेंगे और मधेशी नेताओं से भी मिलेंगे। सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति इसी दिन पोखरा जायेंगे जहां वे गोरखा समुदाय से संबंध रखने वाले भारतीय सेना के पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत करेंगे।

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