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लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने स्मारकों में कांशीराम के साथ अपनी मूर्तियां लगाने को सही ठहराते हुए कहा कि उन्होंने अपने संरक्षक की इच्छा का सम्मान करते हुए ऐसा किया। मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी सत्ता में आई तो स्मारकों पर नहीं, बल्कि विकास पर ध्यान लगाएगी। मायावती ने कहा कि जब हमारी सरकार थी और हम महान लोगों की याद में स्मारक, संग्रहालय और पार्क बनवा रहे थे तो बीजेपी और एसपी ने यह कहते हुए विरोध किया था कि सरकारी धन की बर्बादी हो रही है, लेकिन अब वे उन्हीं स्मारकों पर टिकट लगाकर पैसे कमा रहे हैं। अब आलोचक कह रहे हैं कि मायावती ने अपनी खुद की मूर्ति लगवाने के लिए स्मारकों में मूर्तियां लगवाईं। उन्होंने कहा कि यह कांशीराम की सोच, लिखित वसीयत और मौखिक निर्देशों का परिणाम है, 'मेरी मूर्ति उनकी मूर्ति के पास लगे, उनके ऐसे उत्तराधिकारी के रूप में जिसने अंबेडकर के सपनों तथा दलितों के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।' बीएसपी प्रमुख ने कहा, 'जब ये स्मारक बन रहा था तो कांशीराम ने कहा कि अगर अंबेडकर आज जिन्दा होते तो इसे देखकर काफी खुश होते।'

लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों का बिगुल फूंकते हुए आज सपा और भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि केन्द्र की भाजपा और प्रदेश की सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही हैं। मायावती यहीं नहीं रूकीं। उन्होंने वादा कर डाला कि वर्ष 2017 में उन्हें जनादेश मिला तो वह समाज को भय मुक्त बनाएंगीं और भ्रष्टाचार को खत्म कर देंगी। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख ने भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती पर आयोजित जनसभा में कहा, ‘विधानसभा चुनावों में सपा और भाजपा को परास्त करें। इतना ही नहीं, आप यह सुनिश्चित करें कि उनके उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो जाए।’ मायावती के निशाने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी आये। उन्होंने कहा कि जब राहुल की पार्टी सत्ता में थी तो दलित छात्रों की आत्महत्याओं पर उन्होंने संज्ञान नहीं लिया था। ‘अब युवराज नाटकबाजी कर रहा है।’ राज्य की सपा सरकार पर हर मोर्चे पर विफल रहने का आरोप मढ़ते हुए उन्होंने जनता से कहा कि वह अगले चुनाव में बसपा को पूर्ण बहुमत से जितायें ताकि समाज भय और भ्रष्टाचार मुक्त हो सके। मायावती ने जनता को भाजपा, सपा और कांग्रेस तीनों से दूर रहने की नसीहत देते हुए कहा कि तीनों ही पार्टियां खोखले वायदे करती हैं। उन्होंने विदेश से काला धन लाने में विफल रहने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की भी आलोचना की। उनका कहना था कि मोदी ने पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान काला धन वापस लाने के लिए वायदा किया था।

लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कन्नौज-तिरवा मार्ग पर निर्मित किए जा रहे पुल को चार लेन की जगह दो लेन का बनाने तथा इसे चार लेन करने के लिए मांगी गई अनुमति में अनावश्यक विलंब के जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश बुधबार को अपने सरकारी आवास पर लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत इस प्रकरण की समीक्षा के दौरान दिए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने मंगलवार को जनपद कन्नौज में विभिन्न विकास योजनाओं के लोकार्पण एवं शिलांयास के दौरान कन्नौज-तिरवा मार्ग का मौके पर निरीक्षण भी किया था। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि इस मार्ग पर बनने वाला पुल दो लेन का है, जबकि इसे चार लेन का होना चाहिए था। जानकारी प्राप्त करने पर उन्हें पता चला कि इसे चार लेन का बनाए जाने के संबंध में अनुमति का प्रस्ताव मांगा गया था, जिसमें अनावश्यक विलंब हो रहा है। उन्होंने इस पर गहरा असंतोष व्यक्त किया था। इसी क्रम में मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत निर्मित किए जा रहे इस मार्ग के कार्याें की समीक्षा की और मानकों का पालन न करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर दलित प्रेम का ‘दिखावा’ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों और पिछड़ों को उनका संवैधानिक हक ना देने पर आमादा अन्य पार्टियों के खिलाफ बसपा को केन्द्र और राज्यों में एक राजनीतिक ताकत बनना होगा और वर्ष 2007 की तरह अगले साल उत्तर प्रदेश में फिर से पूर्ण बहुमत की सरकार बनानी होगी। मायावती ने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती मौके पर यहां आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बसपा के गठन के बाद से कांग्रेस और भाजपा जैसे दल अम्बेडकर जयन्ती मनाने के नाम पर किस्म-किस्म की ‘नाटकबाजी’ कर रहे हैं। इस बार यह नाटकबाजी कुछ ज्यादा दिख रही है। यह सब आगामी विधानसभा चुनाव में दलितों और अम्बेडकर के अनुयायियों के वोट लेने की कवायद है। भाजपा के समर्थन से तीन बार मुख्यमंत्री बन चुकीं मायावती ने इस भगवा दल के ‘दलित प्रेम’ पर भी सवाल खड़ा किया और कहा कि यह पार्टी किसी दलित को प्रधानमंत्री या अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दे तो भी वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हाथ की कठपुतली ही होगा।

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