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बरेली: उत्तर प्रदेश में बिजनौर के सहसपुर गांव में 2 अप्रैल की रात एनआईए अफसर तंजील अहमद की गोली मारकर की गई हत्या का पुलिस ने 10 दिन बाद खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया है कि मुनीर ने ही तंजील को गोलियां मारी थी। आईजी बरेली जोन विजय सिंह मीणा ने पुलिस लाइन में प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि तंजील की हत्या मुनीर गैंग ने की है। इसमें उनका एक रिश्तेदार रेयान भी शामिल था। रेयान और उसके एक अन्य साथी जैनी को गिरफ्तार कर लिया गया है। मुनीर अभी भी फरार है। उन्होंने बताया कि हत्या के पीछे प्रापर्टी का विवाद, दिल्ली में हुए एक पुलिस केस में तंजील अहमद के रेयान के परिवार की मदद न करना और अन्य कारणों से निजी रंजिश रखना सामने आया है। आईजी ने फिलहाल हत्याकांड का किसी भी तरह से आतंकी कनेक्शन होने से इंकार कर दिया। उन्होंने यह जरूर कहा कि जांच अभी भी जारी है और आतंकी कनेक्शन के सिलसिले में एनआईए ही जांच कर रही है। आईजी मीणा ने बताया कि दिसंबर में धामपुर में बैंक के 91 लाख रुपये की लूट में भी मुनीर गैंग का हाथ सामने आया है। उन्होंने बताया कि बैंक कैश लूटकांड में भी .91 एमएम की पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था और इस वारदात में भी।

दोनों के बुलेट के खोखों की लखनऊ फारेंसिक लैब में जांच कराई गई तो दोनों की रिपोर्ट एक जैसी ही आई। उन्होंने बताया कि बैंक लूट के बाद से ही मुनीर गैंग पुलिस के रडार पर था। पुलिस को मालूम चल चुका था कि घटना में सहसपुर के गैंग का हाथ है। मुनीर को शक था कि इस मामले में तंजील अहमद ने मुखबिरी की है। इसके कारण उसकी रंजिश और बढ़ गई थी। गौरतलब है कि तंजिल अहमद जब अपनी भांजी की शादी से लौट रहे थे तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हमले में उनकी पत्नी भी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। वह इस समय नोएडा के अस्पताल में भर्ती हैं।

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