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फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनता गत लोकसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा किए गए अच्छे दिन लाने के वादों की असलियत जान चुकी है। अखिलेश ने शिकोहाबाद के आदर्श कृष्ण महाविद्यालय के शताब्दी समारोह में कहा कि केंद्र की सरकार बड़ी-बड़ी बातें करती है और जनता केंद्र के इन खोखले वायदों को समझ चुकी है। अवाम के सामने अच्छे दिनों की असलियत खुल चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें उस विद्यालय के प्रांगण में आकर अच्छा लग रहा है, जहां उनके पिता सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने शिक्षा ग्रहण की थी। इस मौके पर महाविद्यालय के प्राचार्य ने सपा मुखिया मुलायम सिंह की डिग्री तथा अंक तालिका भी मुख्यमंत्री को भेंट की। अपनी सरकार के विकास कार्यों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने 36 महीनों के लक्ष्य से पहले ही आगरा-लखनऊ ग्रीन एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य 20 महीने में लगभग पूर्ण कर लिया है, जबकि नेताजी (मुलायम) ने इसे 22 महीने में पूरा करने का आदेश दिया था। इस मौके पर सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की युवा सोच ने प्रदेश में जो अभूतपूर्व विकास कराया है, वह आज तक किसी ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि इसी के चलते 2017 में भी प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चार योजनाओं का शिलान्यास तथा 57 परियोजनाओं का लोकार्पण किया।

कानपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक वर्ग की वार्षिक बैठक सोमवार को शुरू हुई जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत, सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी, सुरेश सोनी एवं वरिष्ठ प्रचारकों ने हिस्सा लिया। कानपुर में हो रही यह बैठक ऐसे समय में महत्वपूर्ण मानी जा रही है जब अगले वर्ष उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य का कहना है, ‘यह हमारा सालाना सम्मेलन है। इसमें हम अपनी वार्षिक समीक्षा करते हैं और अगले साल की रणनीति बनाते हैं।’ उन्होंने कहा कि जो लोग इसमें राजनीतिक तथ्य ढ़ूंढ़ते हैं, उन्हें ज़मीनी सच्चाई पता नहीं होती है। यह हमारा काम नहीं है। वैद्य ने बताया कि सम्मेलन दो चरणों में हो रहा है। 11 जुलाई से 13 जुलाई तक प्रांत प्रचारकों की बैठक हो रही है। दूसरे चरण की बैठक में संघ के प्रांत प्रचारकों के अलावा संघ से जुड़े विश्व हिन्दू परिषद, विद्या भारती, भारतीय मजदूर संघ, आरोग्य भारती जैसे 40 संगठनों के पदाधिकारी भाग लेंगे। तीसरे चरण की बैठक में केवल आरएसएस के राष्ट्रीय पदाधिकारी भाग लेंगे और वे दोनों चरणों की बैठकों की समीक्षा करेंगे। इधर, मुस्लिम संगठन सुन्नी उलेमा काउंसिल के सदस्यों ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने की इच्छा जताई लेकिन उन्हें समय नहीं मिल पाया। संघ कार्यकर्ताओं ने काउंसिल के सदस्यों से उनके पत्र लेकर उसे संघ के पदाधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही।

आगरा: एक विदेशी बहू अपनी देसी सास के घर के बाहर भूख हड़ताल कर रही थी। बहू ने इल्‍जाम लगाया था कि सास दहेज मांग रही है और चूंकि वो दहेज नहीं लाई है इसलिए उसे घर में घुसने नहीं दे रही है। लेकिन विदेशी बहू के रहन-सहन से नाराज सास ने अपनी सारी जायदाद अपनी बेटी को लिख दी और नहीं चाहती थी कि बहू घर में घुसे। मामले ने तूल पकड़ा तो विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से विदेशी बहू की मदद करने को कहा जिसके बाद सास और ननद के खिलाफ एफआईआर के आदेश हो गए। अब सुषमा स्‍वराज और अखिलेश यादव द्वारा हस्‍तक्षेप किए जाने के बाद विदेशी महिला परिवार के साथ एक हो गई है। ओल्‍गा एफिमेनकोवा ने बताया कि वो अपनी सास के घर के बाहर शनिवार से ही भूख हड़ताल पर बैठी थी। ओल्‍गा का कहना था कि उसकी सास दहेज की मांग कर रही है जो वो लेकर नहीं आई है। उसके पति विक्रम और उसकी 3 साल की बेटी को भी घर में घुसने नहीं दिया जा रहा था। ओल्‍गा का आरोप था, 'ये लोग मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं और टॉर्चर करते हैं कि तुम नंगी हो, तुम्‍हारे घर में कुछ खाने को नहीं है। तुमने कुछ लाया नहीं, कुछ दहेज में नहीं दिया। और तुम तो बाहर की हो, तुम यहां पर कुछ नहीं कर पाओगी। हम तुम्‍हें हाथ पकड़कर बाहर निकालेंगे।' ओल्‍गा ने मास्‍को की रशियन स्‍टेट यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमैनिटीज से चाइनीज फिलॉसफी में पोस्‍ट ग्रेजुएशन किया है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को मथुरा के जवाहरबाग काण्ड, कैराना से कथित पलायन और दादरी के बिसाहड़ा काण्ड को लेकर उपजे हालात के बारे में अपनी ‘विशेष रिपोर्ट’ भेज दी है। राजभवन से जारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल राम नाईक को मथुरा, कैराना और दादरी मामलों पर रिपोर्ट भेजी थी जो गत 29 जून को प्राप्त हुई थी। राज्यपाल ने इस रिपोर्ट का अध्ययन कर गत नौ जुलाई को अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति के संज्ञान के लिये भेज दी है। बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को यह भी अवगत कराया है कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे और अतिक्रमण को लेकर उनके सुझाव पर कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया है कि मुख्य सचिव के माध्यम से सभी मण्डलायुक्तों को पत्र भेजकर जानकारी मांगी गयी है कि सरकारी जमीनों पर कब से और कितने अवैध कब्जे हुए हैं तथा उस जमीन की मौजूदा स्थिति क्या है। सरकारी भूमि को अवैध कब्जों से मुक्त कराने के संबंध में किस प्रकार कार्यवाही की जायेगी इस संबंध में भी मण्डलायुक्तों से जानकारी मांगी गयी है। मालूम हो कि राज्यपाल ने गत दो जून को मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जेदारों को हटाने के लिये गये पुलिस दल पर उपद्रवियों द्वारा हमले तथा उसमें दो पुलिस अधिकारियों समेत 29 लोगों के मारे जाने की मुख्यमंत्री से रिपोर्ट मांगी थी।

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