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नई दिल्ली: कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ दो घंटे की बैठक की । जो अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ करना चाहते हैं । प्रशांत किशोर ने सपा नेता अमर सिंह के साथ मुलायम सिंह यादव से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की । चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले यह मुलाकात संभवत: एक गठजोड़ बनाने की संभावना पर चर्चा के लिए की गई । घटनाक्रम से करीबी तौर पर जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रशांत किशोर ने मुलायम से मुलाकात की । राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि मुलायम ने जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की । जो दिल्ली में हैं । हालांकि, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है । किशोर ने पिछले साल नीतीश कुमार के सफल विधानसभा चुनाव अभियान का प्रबंध किया था । पिछले हफ्ते मुलायम के छोटे भाई और प्रदेश सपा प्रमुख शिवपाल सिंह ने जेडीयू के केसी त्यागी और रालोद प्रमुख अजीत सिंह से मुलाकात की थी, ताकि उन्हें सपा की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर 5 नवंबर को लखनऊ आने का न्योता दिया जा सके । शिवपाल ने कहा था कि लोहियावादियों और चरण सिंह के अनुयायियों को उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराने के लिए हाथ मिलाना चाहिए । हालांकि, पार्टी में चल रहे कलह के बावजूद चुनाव में सपा का मुख्य लक्ष्य मुस्लिम वोट को बंटने से रोकना है ।

लखनऊ: मध्य प्रदेश के भोपाल में आठ सिमी कार्यकर्ताओं के कथित पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने को लेकर उठ रहे सवालों के बीच बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने आज (मंगलवार) इस वारदात की न्यायिक जांच की मांग की। मायावती ने एक बयान में आरोप लगाया कि देश में खासकर भाजपा शासित राज्यों में पुलिस का राजनीतिक स्वार्थ तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एजेंडे के हिसाब से इस्तेमाल किया जा रहा ह।. भोपाल में सिमी के आठ कार्यकर्ताओं की हत्या का मामला इसकी ताजा मिसाल है। बसपा की मांग है कि इस घटना की न्यायिक जांच की जाए। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश पुलिस निहत्थे सिमी कार्यकर्ताओं को आसानी से गिरफ्तार कर सकती थी। लेकिन उसने ऐसा करने की कोशिश तक नहीं की और उन्हें मार डाला। प्रथम दृष्टया यह मामला संदिग्ध लगता है तथा न्याय की मांग है कि इस पुलिस मुठभेड़ की घटना की न्यायिक जोच होनी चाहिए। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश की पुलिस ने बहुचर्चित व्यापमं घोटाले की जांच में सत्ता से जुड़े लोगों को बचाने की कोशिश की थी।

अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर यहां बड़े पैमाने पर रैपिड एक्शन फोर्स और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि पुराने शहर के बाबरी मण्डी इलाके में रात में दो लोगों के बीच मामूली विवाद में दो समुदायों के लोग आमने-सामने आ गए। इनके बीच पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई। हिंसा का यह सिलसिला करीब एक घंटे तक चला। दोनों पक्षों के लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। जिलाधिकारी राजमणि यादव ने बताया कि विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ लोग सड़क पर पटाखे जला रहे थे और कुछ राहगीरों ने इस पर आपत्ति जताई। देखते ही देखते दोनों पक्षों की तरफ से मजमा जमा हो गया और ईंट-पत्थर तथा गोलियां चलने लगीं। हिंसा में कम से कम चार लोग घायल हो गए जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फिलहाल हालात नियंत्रण में है और प्रभावित इलाकों में बड़ी संख्या में पुलिस तथा अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं। यादव ने बताया कि इस मामले में अभी तक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। कोई गिरफ्तारी भी नहीं की गई है। इससे पहले, गत रविवार को कौड़ियागंज कस्बे में दो समुदायों के बीच तनाव पसर गया था। बुंदू खां (60) और उनका बेटा मुहब्बत (18) बाजार से लौट रहे थे कि उनकी मोटरसाइकिल सड़क किनारे खड़े एक ठेले से टकरा गई।

लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि शायर और कवियों ने हमेशा समाज को एक नयी दिशा दी है। साहित्यकार अपनी कला के जरिए शोहरत ही नहीं हासिल करता बल्कि समाज की विभिन्न समस्याओं को उजागर करने के ही साथ उनके समाधान के लिए रास्ता भी दिखाता है। मुख्यमंत्री ने यह विचार आज (मंगलवार) यहां अपने सरकारी आवास पर सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की उर्दू मासिक पत्रिका ‘नया दौर‘ के ‘जाँ निसार अख्तर‘ विशेषांक (प्रथम भाग) के विमोचन के मौके पर व्यक्त किए। उन्होनें कहा कि समाजवादी सरकार उर्दू भाषा एवं साहित्य के विकास के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी, फख़रूददीन अली अहमद मेमोरियल सोसाइटी एंव सूचना विभाग के विभिन्न कार्याें का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उर्दू शिक्षा से जुड़े सभी लोगों के प्रोत्साहन व कल्याण लिए प्रभावी कदम भी उठाए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘जाँ निसार अख़्तर‘ उर्दू के उन प्रगतिशील शायरों में शामिल हैं जिन्होंने इन्सान की बुनियादी जरूरतों और मानवीय संवेदनाओं का अपनी लेखनी के माध्यम से बखूबी चित्रण किया। उनकी शायरी में देश की गंगा जमुनी तहजीब की झलक मिलती है। प्रदेश के लिए यह गौरव की बात है कि वे इस माटी के सपूत थे। यादव ने ‘जाँ निसार अख़्तर‘ विशेषांक का हिन्दी संस्करण शीघ्र प्रकाशित किये जाने के भी निर्देश दिये ताकि हिन्दी जानने वाले साहित्य प्रेमी भी इसका अध्ययन कर सके।

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