लखनऊ: शासन ने सूबे के 14 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को दिवाली से पहले सौगात दी है। वित्त वर्ष 2015-16 के लिए अराजपत्रित कर्मचारियों को 3500 रुपये की जगह 7000 रुपये बोनस देने का आदेश जारी कर दिया गया है। कर्मचारी दिवाली से पहले ही बोनस का 25 फीसदी नकद पाएंगे। बाकी 75 फीसदी रकम उनके जीपीएफ में जमा होगी। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को अक्तूबर का वेतन 27 अक्तूबर को ही देने का आदेश जारी हो गया है। 30 को दिवाली, 31 को गोवर्धन पूजा तथा एक नवंबर को भैयादूज व चित्रगुप्त जयंती के मौके पर सार्वजनिक अवकाश होने की वजह से यह आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को केंद्र सरकार की तरह प्रदेश के अराजपत्रित कर्मचारियों को भी दोगुना बोनस देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। बुधवार को यह फाइल वित्त विभाग पहुंची। इसके बाद सचिव वित्त अजय अग्रवाल ने आदेश जारी कर दिया। सरकार पर आएगा 967.63 करोड़ का खर्च बोनस से सरकार पर 967.63 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। बोनस दोगुना करने से सरकारी खजाने पर करीब 450 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय भार बढ़ा है। बोनस एक महीने के लिए दिया जाता है, लेकिन इसकी गणना 30 दिन मानकर की जाती है। अधिकतम 7000 रुपये बोनस मंजूर किए जाने पर फॉर्मूले के मुताबिक 30 दिन का बोनस 6908 रुपये मंजूर किया गया है।
प्रदेश सरकार ने बोनस का 25 फीसदी ही नकद देने का फैसला किया है। ऐसे में कर्मचारियों को 1727 रुपये नकद मिलेगा, जबकि 5181 रुपये उनके जीपीएफ में जाएगा। दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, जिन्होंने 31 मार्च 2016 को तीन साल या इससे अधिक समय तक लगातार सेवा की है और प्रत्येक वर्ष 240 दिन कार्यरत रहे हैं, उन्हें भी बोनस मिलेगा। इसी तरह ऐसे पूर्णकालिक कर्मचारियों जिन्होंने 31 मार्च 2016 तक एक साल लगातार सेवा पूरी नहीं की है लेकिन तब तक दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में (दोनों अवधि को शामिल कर) तीन साल या इससे अधिक समय तक लगातार कार्य किया है और कम से कम हर साल 240 दिन कार्यरत रहे हैं, बोनस पाएंगे। ऐसे मामले में संबंधित कर्मचारी के लिए मासिक आय 1200 रुपये प्रतिमाह मानी जाएगी और इस तरह 30 दिन का बोनस 1184 रुपये होगा। जिनकी वास्तविक आय 1200 रुपये से कम है, उन्हें बोनस की रकम वास्तविक मासिक आय के आधार पर मिलेगी।