ताज़ा खबरें
संसद का बजटसत्र रहेगा हंगामेदार, महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा भी गूंजेगा

प्रयागराज: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को यहां कैबिनेट बैठक के लिए करीब चार घंटे महाकुभ मेला क्षेत्र में रहे, लेकिन अक्षयवट और हनुमान मंदिर के दर्शन-पूजन के लिए नहीं गए। इसका कारण वीआईपी मूवमेंट से श्रद्धालुओं को होने वाली संभावित दिक्कत से बचाना बताया गया।

वहीं, बैठक को लेकर मेला और स्थानीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी हाईअलर्ट मोड में हैं। देर रात तक इसकी तैयारियां भी चलती रहीं। बैठक के बाद डेढ़ से दो बजे के बीच सीएम योगी मंत्रिमंडल के साथ संगम स्नान करेंगे। कुंभ-2019 में मंत्रियों के साथ स्नान के बाद सीएम योगी ने अक्षयवट व हनुमान मंदिर में दर्शन- पूजन किया था।

अधिकांश मंत्री और 100 से अधिक आला-अफसर देर रात तक पहुंचे 

योगी कैबिनेट के 54 में से अधिकांश मंत्री और 100 से अधिक आला-अफसर मंगलवार देर रात तक यहां पहुंच गए। त्रिवेणी संकुल में उनके ठहराने आदि की व्यवस्थाएं चलती रहीं। सीएम के संगम जेटी तक जाकर स्नान करने के कारण इसे भी सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है।

मंगलवार को पहुंचे मंत्रियों और उनके स्टाफ को त्रिवेणी संकुल के साथ अशोक नगर स्थित सर्किट हाउस में ठहराने की व्यवस्था की गई है। मेलाधिकारी विजय किरन आंनद, डीएम रवींद्र कुमार मांदड़ खुद व्यवस्था बनाने में जुटे हुए थे। अधिकारियों ने त्रिवेणी संकुल और संगम क्षेत्र का निरीक्षण भी किया। इसकी तैयारियों को लेकर कई बार बैठके भी चलीं।

कैबिनेट बैठक के दौरान यहां मुख्य सचिव, सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव समेत दूसरे वरिष्ठ अफसर भी मौजूद रहेंगे। इसे देखते हुए संबंधित विभागों के अध्यक्ष को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी मंत्रियों के साथ एक-एक मजिस्ट्रेट की भी ड्यूटी लगाई गई है।

मुख्य सचिव ने ऑनलाइन की तैयारियों की समीक्षा

मुख्य सचिव ने मंगलवार को ऑनलाइन बैठक कर मंत्रिपरिषद की बैठक और संगम स्नान से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने हर गतिविधि की बिंदुवार समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। समीक्षा के दौरान मेलाधिकारी के साथ सभी स्थानीय पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी जुड़े रहे।

डीजीपी पहुंचे अरैल निरीक्षण किया

यूपी कैबिनेट की बैठक से पहले मंगलवार को डीजीपी प्रशांत कुमार भी मेला क्षेत्र में पहुंचे। रात 8:30 बजे के करीब वह अरैल में बने त्रिवेणी संकुल पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। करीब दो घंटे तक निरीक्षण करने के बाद वह अखाड़ा क्षेत्र में पहुंचे और यहां के सुरक्षा इंतजामों को भी देखा।

वर्ष 2019 में कैबिनेट ने दी थी तीन एक्सप्रेसवे को मंजूरी

उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे राज्य का दर्जा दिलाने में कुंभ नगर में 2019 में हुई बैठक की बड़ी भूमिका रही है। इसी बैठक में तीन एक्सप्रेस-वे को मंजूरी दी गई थी। इसमें प्रयागराज को मेरठ से जोड़ने वाले 36,000 करोड़ रुपये की लागत वाले गंगा एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (14,716 करोड़) और 5,555 करोड़ रुपये से गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पर मुहर शामिल है।

इसी बैठक में मूल अक्षयवट और पातालपुरी को खोले जाने का रास्ता भी साफ हुआ था। अक्षयवट का दर्शन 450 वर्षों के अंतराल के बाद आम लोगों को हासिल हुआ है। कैबिनेट ने इसके लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से बात भी की थी। कुंभ स्नान के लिए आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरी झंडी के बाद मूल अक्षयवट, पातालपुरी और सरस्वती कूप भी लोगों के लिए खोला जा चुका है।

कुंभ और महाकुंभ के बाद भी श्रद्धालु इन मंदिरों में दर्शन-पूजन कर सकते हैं। 2019 की बैठक में ही भरद्वाज आश्रम के विस्तार एवं सौंदर्गीकरण, श्रृंग्वेरपुर में भगवान राम से गले मिलते निषादराज की प्रतिमा लगाने, भरद्वाज आश्रम से चित्रकूट के बीच भगवान से जुड़ीं पहाड़ियों के सुंदरीकरण के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई थी। आज निषादराज की प्रतिमा ही नहीं, पूरा पार्क भी विकसित हो चुका है। इसी बैठक में फौजी जवानों की वीरता की प्रतीक फिल्म उरी को टैक्स फ्री करने का फैसला भी लिया गया था।

वीवीआईपी मूवमेंट, अमृत स्नान के लिए 1542 मुख्य आरक्षियों की तैनाती

दो सप्ताह के दौरान वीवीआईपी मूवमेंट और दो अमृत स्नान पर्व को देखते हुए 1542 मुख्य आरक्षियों की तैनाती महाकुंभ में की गई है। सभी मुख्य आरक्षी 22 जनवरी से पांच फरवरी तक महाकुंभ क्षेत्र में ड्यूटी करेंगे। डीजीपी मुख्यालय ने यह आदेश जारी किया है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या और तीन फरवरी को बसंत पंचमी का अमृत स्नान पर्व है।

इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम वीवीआईपी का आगमन प्रस्तावित है। इसके चलते आरक्षी से मुख्य आरक्षी के पद पर प्रोन्नत होने के बाद प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे कर्मियों की तैनाती प्रयागराज में की गई है। इनकी प्रशिक्षण की अवधि मंगलवार को समाप्त हो गई है। इन्हें सीतापुर, मुरादाबाद, उन्नाव, जालौन, गोरखपुर, मिर्जापुर, मैनपुरी, मुरादाबाद, सीतापुर, सुल्तानपुर और प्रयागराज के प्रशिक्षण केंद्रों से भेजा गया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख