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सोनभद्र: उत्तर प्रदेश को सोनभद्र में मीड डे मिल में नमक-रोटी खिलाए जाने का वीडियो वायरल होने के मामले में नया मोड़ आया है। डीएम की अध्यक्षता में हुई जांच के दौरान पाया गया कि दो लोगों ने साजिश के तहत वीडियो वायरल किया था। दोनों के खिलाफ रविवार को अहरौरा थाने में केस दर्ज कराया गया। 22 अगस्त को जमालपुर के प्राथमिक विद्यालय शिउर के बच्चों का एमडीएम में नमक-रोटी खाते एक वीडियो वायरल हुआ था। मामले बीएसए समेत चार पर कार्रवाई हो चुकी है।

सीएम के निर्देश पर डीएम अनुराग पटेल की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई। जांच में यह तथ्य सामने आया कि शिउर निवासी राजकुमार पाल एवं पवन जायसवाल ने बीते 22 अगस्त को सोशल मीडिया पर बच्चों को नमक-रोटी खिलाने का विडियो वायरल किया था। टीम के मुताबिक मेन्यू के अनुसार ही बच्चों को भोजन दिया जाता था। उस दिन साजिश के तहत भोजन में नमक-रोटी वितरित किया गया। रविवार को बीईओ प्रेमशंकर राम ने राजकुमार एवं पवन के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया।

 

शिउर में 12 बजे के बाद दिया गया था एमडीएम

डीएम अनुराग पटेल की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी ने अपनी जांच में पाया है कि अमूमन बच्चों को एमडीएम परोसने का 10:30 से 11 बजे तक का समय निर्धारित है। लेकिन साजिश के संकेत यहां मिलते हैं कि जमालपुर ब्लाक में शिउर प्राथमिक विद्याल में 22 जुलाई को दोपहर 12 बज कर सात मिनट 53 सेकेंड पर एमडीएम परोसा गया। वायरल वीडियो खुद इसकी गवाही दे रहा है। एमडीएम वित्त एवं राजस्व ने इस बात की तस्दीक की। शिऊर प्राथमिक विद्यालय को सब्जी आदि आपूर्ति करने वाले दुकादार ने बतायाकि ग्रामप्रधान प्रतिनिधि की ओर से सब्जी आदि के लिए एडवांश में पैसा जमा है। 300 रुपये अभी शेष हैं। दुकानदार ने जांच अधिकारियों के समक्ष स्वीकार किया कि इस दिन रसोइया सब्जी लेने ही नहीं आई।

डीएम की अध्यक्षता में गठित टीम में शामिल अफसर

मिज़रपुर। डीएम की अध्यक्षता में गठित टीम में बतौर जांच अधिकारी मुख्य विकास अधिकारी प्रियंका निरंजन अपर जिलाधिकारी वित्त व राजस्व यूपी सिंह, चुनार के एसडीएम सत्यप्रकाश सिंह और मुख्यालय बीईओ प्रेमशंकर राम शामिल थे। डीएम ने बताया कि इसे लेकर मुख्यमंत्री काफी गंभीर थे। उनके निर्देश पर कराई गई जांच में पता चला कि यह वीडियो जानबूझकर तैयार कराया गया था।

बताया कि एमडीएम के खाते का संचालन ग्राम प्रधान व हेड मास्टर करता है। खाते में पर्याप्त पैसा होने के बावजूद ग्राम प्रधान की तरफ से कार्य देखने वाला व्यक्ति राजकुमार पाल खुद कथित पत्रकार को स्कूल पर बुलाया और वीडियो तैयार कराया। वीडियो में दोनों को आपस में बात करते सुना गया कि इसे मीडिया में देना है।

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