लखनऊ: केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में जिंदगी की जंग लड़ रही उन्नाव रेप पीड़िता की हालत नाजुक हो गई है। अब उसे निमोनिया हो गया है। इससे उसे तेज बुखार भी है। वह अभी भी बेहोश है। इससे इलाज में लगी चिक्तिसकों की टीम की चिंता बढ़ गई है। दूसरी तरफ वकील की हालत में लगातार सुधार हो रहा है। रायबरेली में दुर्घटना होने के बाद 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता और उसके वकील को गंभीरावस्था में ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वह लगातार वेंटीलेटर पर है। शुक्रवार को कुछ देर के लिए उसे वेंटीलेटर से हटाकर जांच की गई। इस दौरान वह सांस लेने में असमर्थ नजर आईं। इस वजह उसे दोबारा वेंटीलेटर पर रखा गया है। शनिवार को उसे निमोनिया होने और तेज बुखार होने से चिकित्सकों की चिता बढ़ गई है।
केजीएमयू के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर संदीप तिवारी ने बताया कि महिला मरीज की हालत नाजुक और स्थिर है। वेंटीलेटर पर मौजूद पीड़िता को निमोनिया हो गया है। इससे उसे बुखार आ रहा है। उसका ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो गया था। शाम को दवाएं देने के बाद ब्लड प्रेशर नियंत्रित हो गया है। निमोनिया को नियंत्रित करने का प्रयास चल रहा है। वकील की हालत में मामूली सुधार है।
फेफड़े से निकाला गया था खून
हादसे के बाद ट्रामा सेंटर में पीड़िता के फेफड़े में जमा खून नली के जरिए निकाला गया था। उसके गले की सफाई भी की गई थी। फेफड़े से खून का रिसाव खत्म होने के बाद पाइप निकाल दी गई थी। लेकिन शनिवार को पीड़िता को बुखार होने से नई समस्या खड़ी हो गई है।
वकील की हालत में सुधार
वकील बिना वेंटीलेटर के सांस ले रहे हैं। शनिवार दोपहर उनके परिजनों से ट्रामा वेंटीलेटर यूनिट में मुलाकात कराई गई। परिजनों के मुताबिक आंखें अभी नहीं खोल रहे हैं। लेकिन अंगुली में हल्का मूवमेंट दिखा है। होठ भी हिले हैं। लेकिन अभी होश नहीं आया है।
वकील के पिता डिस्चार्ज
दो दिन पहले ब्लड प्रेशर बढ़ने से बीमार हुए वकील के पिता को शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। उन्हें घर भेज दिया गया है। मालूम हो कि वकील के पिता बुधवार को अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ने से बीमार हो गए थे। उन्हें इमरजेंसी मेडिसिन में भर्ती करना पड़ा था। टीम ने लिए परिजनों के बयान, डाक्टरों के साथ हुई बैठक केजीएमयू पहुंची सीबीआई की टीम ने परिजनों से बातचीत की। इसके बाद चिकित्सकों के साथ बैठक कर इलाज के बारे में जानकारी ली।
सूत्रों की मानें तो दोपहर में पहुंची टीम ने ट्रामा के डॉक्टर चेंबर में पीड़िता की मां व अन्य परिजनों से बातचीत कर घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। इस दौरान वकील के परिजनों से सिर्फ इलाज के बारे में पूछा गया। परिजनों ने इलाज से संतुष्टि जताई। इसके बाद इलाज में लगी डॉक्टरों की टीम के साथ भी बैठक हुई। इसमें अब तक चली दवाएं। निमोनिया होने के बाद बढ़ाई गई दवाएं और भविष्य में किस तरह की समस्या आ सकती है, इस पर भी चर्चा हुई। इलाज में लगी चिकित्सकों के पैनल से लिखित में मेडिकल बुलेटिन लिया गया है। एक बुलेटिन शासन को भी भेजा गया है।