लखनऊ: मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने सरकारी विभागों में काम चलाऊ व्यवस्था को तुरंत बंद कर पारदर्शी व भ्रष्टाचार मुक्त कार्य प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी/कर्मचारी निर्धारित समय पर कार्यालयों में उपस्थित रहें। साथ ही कार्यालयों में उपस्थिति दर्ज कराने के लिए बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू करने के निर्देश देते हुए कहा कि कक्षों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं, जिससे हाजिरी लगाकर अनुपस्थित होने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके। मुख्यमंत्री शुक्रवार को लखनऊ में शास्त्री भवन स्थित सभागार में अपने विभागों से संबंधित मंत्रिगणों व प्रमुख सचिव/सचिव के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। उन्होंने सचिवालय में प्रवेश के लिए अनावश्यक एवं गैर जरूरी निर्गत किए गए प्रवेश पत्र तत्काल निरस्त करने का निर्देश देते हुए कहा कि सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था संसद की तरह सुनिश्चित की जाए, ताकि दलाल व गलत कार्य कराने वाले प्रवेश न पा सकें। जनता की समस्याओं के त्वरित व गुणात्मक निस्तारण का निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सभी विभागों की कार्य पद्धति में सुधार दिखना चाहिए। एंटी रोमियो स्क्वायड के लिए स्पष्ट गाइड लाइन तैयार करने का निर्देश प्रमुख सचिव गृह को देते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई युवक व युवती आपसी सहमति से कहीं बैठे हैं या कहीं जा रहे हैं, तो उन पर कार्रवाई कतई न की जाए। इसी प्रकार एसिड अटैक के मामले में कठोर कार्रवाई की जाए।
इसके साथ ही, प्रतिदिन सभी जनपदों के डीएम व एसपी से इन सभी मामलों को सम्मिलित करते हुए कानून-व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी व कानपुर मेट्रो के संबंध में कार्रवाई तेजी से आगे बढ़ाई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, गोरखपुर व झांसी में भी मेट्रो चलाने के लिए तेजी से डीपीआर तैयार कराकर आगे की कार्रवाई शुरू की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार एक वर्ष के भीतर इन सभी नगरों में मेट्रो का कार्य शुरू कराने के लिए कृतसंकल्पित है। अवैध खनन पर डीएम एसपी जिम्मेदार होंगेअवैध खनन की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगना चाहिए। अभी भी कई जनपदों से अवैध खनन की शिकायतें मिल रही हैं। यह स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने प्रमुख सचिव खनन व गृह को निर्देशित किया कि जहां से भी शिकायतें हों, वहां सख्त कार्रवाई की जाए। जिन जनपदों से अवैध खनन की शिकायतें प्राप्त हों, वहां के डीएम व एसएसपी को सीधे जिम्मेदार ठहराया जाए।