बेंगलुरु: जेडीएस के 5 विधायिकों के विद्रोह के बाद उम्मीद के मुताबीक जेडीएस का राज्यसभा उम्मीदवार हार गया। उसे 32 वो मिले। जबकि जेडीएस के 40 विधायक हैं। यानी 8 विधायिकों ने बगावत की। शुरुआत में विद्रोही खेमे के नेता ज़मीर अहमद खान ने 5 विधायकों के विद्रोह की बात कही थी। ज़मीर अहमद खान ने कहा कि उन्होंने अपना इरादा साफ़ कर दिया था। और मतदान से पहले भी उन्होंने जेडीएस सुप्रीमो देवेगौड़ा के बेटे रेवन्ना को बता दिया था कि वो क्रॉस वोटिंग करने जा रहे हैं। ऊधर जेडीएस अध्यक्ष कुमारस्वामी ने कहा कि पिछले 15 दिनों से कांग्रेस पैसों और दूसरे तरीकों से उनके और उनके समर्थन वाले निर्दलीय विधायकों पर दबाव डाल रही थी। जिन विधायिकों ने विद्रोह किया है उनके खिलाफ करवाई की जायेगी। वहीं कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार जीत गए। कांग्रेस के पास 122 विधायक थे।
राज्यसभा में एक एमपी के लिए 46 विधायक चाहिए थे, ऐसे में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश और ऑस्कर फर्नांडिस की जीत के बाद कांग्रेस के पास 30 विधायक ज़यादा थे यानी तीसरे उम्मीदवार पूर्व आईपीएस अधिकारी राममूर्ति की सीट सुनिश्चित करने से 16 कम लेकिन जेडीएस के 8 बागी विधायको और 12 निर्दलीयों की वजह से ये फासला आसानी से पट गया। जयराम रमेश को 47 मत मिले जबकि ऑस्कर फर्नांडिस को 46 मत। वाहन तीसरे उम्मीदवार के सी राममूर्ति को 52 मत। बीजेपी की निर्मला सीतारमण को 46 मत मिले जबकि उनकी पार्टी बीजेपी के 44 विधायक हैं। एक निर्दलीय और श्री रामालू की पार्टी बीएसआरसी के दो विधायकों के समर्थन से उन्हें जीत आसानी से हासिल हो गयी। जीत के बाद कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार रामामूर्ति ने कहा कि वो सभी विधायिकों का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने उन्हें वोट दिया। हालांकि इस सवाल का जवाब वो टाल गए कि आखिर जेडीएस के बागी और निर्दलीयों ने उन्हें अपना समर्थन किन शर्तों पर दिया। वहीं निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैं अपने आप को कर्नाटक को समर्पित कर काम करुंगी।