बंगलूरू: कर्नाटक में जारी सियासी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। कर्नाटक में जारी उठा-पटक और विधानसभा में जारी घमासान के बीच विश्वासमत प्रस्ताव पर बिना मतविभाजन के विधानसभा की बैठक सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। माना जा रहा है कि सोमवार यानी 22 तारीख को बहुमत परीक्षण होगा। कर्नाटक की कुमारस्वामी सरकार सोमवार को फ्लोर टेस्ट से गुजरेगी और उस दिन साबित हो जाएगा कि कांग्रेस-जेडीएस सरकार के पास बहुमत है या नहीं।
इससे पहले विधानसभा स्पीकर ने स्पष्ट तौर पर कहा था कि जितना विचार-विमर्श होना था हो गया, अब बहुमत परीक्षण की बारी है। उन्होंने कहा था कि वे आज ही बहुमत परीक्षण की प्रक्रिया को खत्म करना चाहते थे, मगर कांग्रेस और जेडीएस विधायक इसके पक्ष में नहीं थे, वहीं भाजपा चाहती थी कि आज ही फ्लोर टेस्ट हो जाए। मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के बिना ही कनार्टक विधानसभा सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी। अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस-जद(एस) सरकार के राज्यपाल वजु भाई वाला द्वारा तय की गई दो समय सीमाओं को पूरा ना कर पाने पर सदन को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
सदन को स्थगित करने से पहले अध्यक्ष ने यह स्पष्ट कर दिया कि सोमवार को विश्वास प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा और इसे अन्य किसी भी परिस्थिति में आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को राज्यपाल वजुभाई द्वारा ने बहुमत साबित करने की दो डेडलाइन दी थी, मगर दोनों समय सीमा के भीतर यह प्रक्रिया पूरी नहीं की गई। कुमारस्वामी सरकार के ऊपर बहुमत साबित करने का दबाव है, मगर आज डेढ़ बजे की डेडलाइन के बाद शाम 6 बजे की समय सीमा भी कांग्रेस-जेडीएस सरकार पूरा नहीं कर पाई।
बता दें कि दोपहर 1.30 बजे की मियाद खत्म होने के बाद कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने दोबारा मुख्यमंत्री कुमारस्वामी से शाम 6 बजे से पहले बहुमत साबित करने को कहा था।
वहीं, बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अध्यक्ष महोदय हम आपका सम्मान करते हैं। राज्यपाल का आखिरी पत्र कहता है कि आज ही फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। आज हम 12 बजे तक रहेंगे। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि देर रात तक हमारे लोग शांति से बैठे रहेंगे। भले ही यह लंबा होगा, मगर ऐसा करके हम राज्यपाल के आदेश का सम्मान कर सकते हैं।
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही के दौरान कहा था कि विचार-विमर्श काफी हो चुका है, मैं इसे (विश्वास प्रस्ताव की प्रक्रिया को) आज समाप्त करना चाहता हूं। कांग्रेस-जद(एस) के सदस्यों ने सोमवार या मंगलवार तक सदन की कार्यवाही स्थगित किए जाने की मांग की, जिस पर अध्यक्ष ने कहा, ''नहीं, नहीं।... मुझे दुनिया का सामना करना है।
भाजपा नेता सुरेश कुमार ने कहा कि यदि कार्यवाही को लंबा खींचा गया तो विश्वास मत की शुचिता समाप्त हो जाएगी, उन्होंने प्रक्रिया शुक्रवार को ही पूरी किए जाने पर जोर दिया।
स्पीकर ने कहा कि शीर्ष पद पर आसीन व्यक्ति तमाम संदेहों से परे होना चाहिए, मुझ पर कार्यवाही को खींचने के आरोप नहीं लगाए जा सकते वहीं, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने विधानसभा में कहा कि राज्यपाल के प्रति मेरे मन में सम्मान है। लेकिन गवर्नर के दूसरे प्रेम पत्र ने मुझे आहत किया है। उन्हें केवल 10 दिन पहले हॉर्स ट्रेडिंग बारे में पता चला?। उन्होंने आगे कहा कि मैं फ्लोर टेस्ट का फैसला स्पीकर पर छोड़ता हूं। यह दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं किया जाएगा। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि राज्यपाल द्वारा भेजे गए पत्र से मेरी रक्षा करें।