बेंगलुरु: कर्नाटक में जद(एस)-कांग्रेस गठबंधन का नेतृत्व कर रहे एचडी कुमारस्वामी ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ प्रदेश पार्टी अध्यक्ष जी परमेश्वर ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई नेता और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शरीक हुए। यह घटनाक्रम अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा विरोधी एक मंच के तौर पर देखा जा रहा है। शपथ ग्रहण समारोह के लिए कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों समेत विपक्षी दलों के प्रमुख नेताओं ने शिरकत की।
कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीएसपी प्रमुख मायावती, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सीपीएम के नेता सीताराम येचुरी भी पुहंचे, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहीं। मंच पर पहुंचते ही अखिलेश यादव और मायावती ने एक-दूसरे के नमस्कार करने के बाद जनता की तरफ हाथ हिलाकर अभिवादन किया। लोकदल प्रमुख अजित सिंह ने भी इस समारोह मे शिरकत की।
इससे पहले कर्नाटक में कांग्रेस के प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने बताया कि पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस के रमेश कुमार अगले विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) होंगे, जबकि डिप्टी स्पीकर का पद जद (एस) के खाते में जाएगा। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के 22 और जद (एस) से 12 मंत्री होंगे। बृहस्पतिवार को विधानसभा में होने वाले शक्ति परीक्षण के बाद वे शपथ लेंगे। कुमारस्वामी एक हफ्ते के अंदर कर्नाटक में शपथ लेने वाले दूसरे मुख्यमंत्री है। दरअसल, भाजपा के प्रदेश प्रमुख बीएस येदियुरप्पा ने 19 मई को शक्ति परीक्षण का सामना किए बगैर इस्तीफा दे दिया था।
कुमारस्वामी ने कहा है कि विभागों के आवंटन पर बृहस्पतिवार को चर्चा होगी. गठबंधन के सुचारू रूप से कामकाज करने के लिए एक समन्वय समिति गठित की जाएगी। जद(एस) प्रमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के बेटे कुमारस्वामी को राज्यपाल वजुभाई वाला विधानसौध के सामने शाम साढ़े चार बजे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। यह कुमारस्वामी का दूसरा कार्यकाल होगा। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2006 से अक्तूबर 2007 के बीच 20 महीनों तक जद (एस)-भाजपा गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए बड़ा मंच बनाया गया है। समारोह में कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेताओं के शरीक होने की उम्मीद है। इसके जरिए 2019 के आमचुनाव से पहले भाजपा को विपक्षी एकजुटता का एक संदेश दिए जाने की उम्मीद है।
शपथ ग्रहण समारोह से पहले सीएम कुमारस्वामी ने स्वीकार किया है कि अगले पांच साल कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन की सरकार चलाना उनके लिए ‘‘बड़ी चुनौती’’ रहेगी। कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘मेरी जिंदगी की यह बड़ी चुनौती है। मैं यह अपेक्षा नहीं कर रहा कि मैं आसानी से मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाऊंगा।’’ गौरतलब है कि 224 सदस्यीय विधानसभा की प्रभावी क्षमता फिलहाल 221 सदस्यों की है। विधानसभा चुनाव में भाजपा 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।