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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

बेंगलुरु: कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री एचडी कुमारास्वामी ने मंगलवार को स्वीकार किया कि अगले पांच साल कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन की सरकार चलाना उनके लिए बड़ी चुनौती रहेगी। बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे कुमारास्वामी ने कहा, ‘मेरी जिंदगी की यह बड़ी चुनौती है। मैं यह अपेक्षा नहीं कर रहा कि मैं आसानी से मुख्यमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाऊंगा। आदि शंकराचार्य द्वारा पहला मठ स्थापित करनेवाले स्थल शृंगेरी पहुंचे कुमारस्वामी ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि देवी शारदाम्बे और जगदगुरु की कृपा से चीजें सुचारू रूप से चलेंगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘केवल मुझे नहीं, राज्य के लोगों को भी संदेह है कि यह सरकार सुचारू ढंग से काम कर पायेगी या नहीं। लेकिन, मुझे भरोसा है कि शारदाम्बे और शृंगेरी जगदगुरु (शंकराचार्य) की कृपा से सबकुछ सुचारू रूप से होगा। मंदिर का दौरा जारी रखते हुए कुमारस्वामी ने आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित शृंगेरी शारदा मंदिर और दक्षिणामनया पीठम का भ्रमण किया।

इस बीच, शपथ ग्रहण समारेाह के आधिकारिक निमंत्रण से संकेत मिलते हैं कि कुमारस्वामी के अलावा कुछ अन्य मंगलवार को शपथ ले सकते हैं. इसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री के अलावा, मंत्रिपरिषद भी शपथ लेगी।

इससे पहले खबरें थीं कि केवल कुमारस्वामी शपथ लेंगे, जबकि बाकी के सदस्य गुरुवार को शक्ति प्रदर्शन के बाद शपथ लेंगे। मंत्रिमंडल गठन को लेकर कुमारास्वामी की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को लिंगायत समुदाय के विधायकों ने उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर दी। वहीं, मंगलवार को कांग्रेस पार्टी से सात बार के मुस्लिम विधायक रोशन बेग ने भी डिप्टी सीएम के पद पर दावा कर दिया है। कांग्रेस पार्टी भी कैबिनेट में बड़ा हिस्सा चाहती है. कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के पास 38 विधायक हैं।

सूत्रों के मुताबिक 33 कैबिनेट मंत्रियों में से 20 कांग्रेस के कोटे से हो सकते हैं। कर्नाटक के भावी मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने सोमवार को दिल्ली पहुंचकर संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि कांग्रेस एक डिप्टी सीएम लिंगायत समुदाय के शख्स को बनायेगी ताकि कांग्रेस और जेडीएस को लिंगायत अपना विरोधी न मान लें। सूत्रों के मुताबिक सोमवार को कुमारास्वामी के साथ बैठक में डिप्टी सीएम के दो पद मांगे गये, लेकिन जदएस की ओर से इस मुद्दे पर अभी कोई सहमति नहीं जतायी गयी है। डिप्टी सीएम के दोनों पदों पर कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेता परमेश्वरन और डीके शिवकुमार को बैठाना चाहती है।

यह सारी कवायद खेमों में बंटी पार्टी को एकजुट रखने की है। खासकर ऐसे समय जब पार्टी विधायकों के तोड़फोड़ की कोशिश की जा रही है। इस बीच, खबर यह भी है कि गठबंधन सरकार के सुचारू रूप से संचालन के लिए दोनों दलों की एक समन्वयन समिति का गठन होगा। इसमें पांच-छह सदस्य हो सकते हैं। इसके अलावा गठबंधन की बड़ी पार्टी होने के नाते कांग्रेस पार्टी से ही विधानसभा अध्यक्ष बनाये जाने की संभावना है।

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