बेंगलुरु: कर्नाटक में 48 घंटे के सियासी उतार-चढ़ाव के बाद आखिरकार यह तय हो गया है कि प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी। राज्यपाल वजुभाई वाला ने राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को न्योता दिया है। राज्यपाल के न्योता देने के बाद भाजपा के सीएम उम्मीदवार गुरुवार सुबह 9.30 बजे शपथ लेंगे। सूत्रों के हवाले से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्य़क्ष अमित शाह नहीं शामिल होंगे। येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं।
एक तरफ भाजपा के सीएम उम्मीदवार शपथ लेने की तैयारी कर रहे हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने राज्यपाल पर आरोप लगाते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) का रुख किया है और तत्काल सुनवाई करने का आग्रह किया। कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, अशोक भूषण और एसए बोडबे की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे यह फैसला सुना दिया कि वह राज्यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती, इसलिए येदियुरप्पा पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेंगे।
याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
बहुमत साबित करना होगा चुनौती
देर रात तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही है कि शुक्रवार(18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी। कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं।
किसके खाते में कितनी सीटें
राज्य में 12 मई को 222 निर्वाचन क्षेत्रों में हुए चुनाव में बीजेपी को 104 सीटें मिली हैं, जबकि कांग्रेस को 78 व जेडी(एस) को अपनी सहयोगी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ 38 सीटों पर जीत हासिल हुई है। ऐसे में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला और राज्य में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति है।