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'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

तिरूवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने अपने मंत्रियों के साथ आज यहां आरबीआई कार्यालय के सामने धरना दिया और केंद्र सरकार पर नोटबंदी की प्रक्रिया के आड़ में राज्य में सहकारी क्षेत्र को ‘‘तबाह’’ करने का आरोप लगाया और साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा । धरना शुरू करने से पहले विजयन और उनकी कैबिनेट के सहयोगियों ने पालयम स्थित शहीद स्मारक से यहां आरबीआई के क्षेत्रीय कार्यालय तक मार्च किया। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के कदम को ‘‘राजनीतिक साजिश’’ करार देते हुए भाजपा के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सहकारी समितियां ‘‘कालाधन का अड्डा’’ हैं। प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि ‘‘ऐहतियाती उपाय किये बिना’’ एक हजार रूपये और 500 रूपये के नोटों को बंद कर दिया गया, जिसके चलते मौजूदा ‘‘संकट’’ पैदा हुआ और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रचलन में जो नोट हैं उनका करीब 84 से 86 फीसदी हिस्सा उन नोटों का है जिन्हें बंद कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि इन्हें अचानक बंद किए जाने से ही ‘‘मौजूदा संकट’’ पैदा हुआ। उन्होंने कहा, ‘‘एक अनुभवी प्रशासक का यह उचित फैसला नहीं है।’’

नई दिल्ली: केरल में, जहां राज्यभर में अधिकतर एटीएम के काम नहीं करने की ख़बरें हैं। पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने की कोशिश कर रहे दो लोगों की मौत हो जाने का भी समाचार मिला है। राजधानी तिरुअनंतपुरम से लगभग 158 किलोमीटर दूर अलप्पुझा में एक वरिष्ठ नागरिक खड़े-खड़े गिर गए, और उनकी मौत हो गई। वह कथित रूप से पिछले 45 मिनट से लाइन में खड़े इंतज़ार कर रहे थे। इससे पहले, 300 किलोमीटर की दूरी पर बसे थलास्सरी में राज्य बिजली विभाग में काम करने वाले उन्नी नामक 48-वर्षीय व्यक्ति की बैंक की इमारत की दूसरी मंज़िल से गिर जाने से मौत हो गई। पांच लाख रुपये के पुराने नोट जमा करने के लिए उन्नी गुरुवार को भी आया था। लेकिन नाकाम रहने की वजह से वह शुक्रवार को भी बैंक आया। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उसकी मौत हादसा थी या खुदकुशी। अन्य राज्यों की तरह केरल के बैंकों में भी शुक्रवार को अफरातफरी और तनाव का माहौल बना रहा, और लोग 500 तथा 2,000 रुपये के नए नोट हासिल करने की कोशिशों में जुटे रहे।

नई दिल्ली: केरल की वाम लोकतांत्रिक मोर्चा सरकार ने अपने रुख में बदलाव करते हुये सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि वह ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में हर आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष राज्य सरकार के वकील ने कहा कि अब वह 2007 में दाखिल अपने मूल रुख के अनुरूप कदम उठायेगी। इसमें मंदिर परिसरों में महिलाओं के प्रवेश की हिमायत की गयी थी। राज्य सरकार ने इससे पहले जुलाई में दाखिल अतिरिक्त हलफनामे में मंदिर में महिलाओं के प्रवेश निषेध का समर्थन किया था। इस प्रकरण के शुरू में 2007 के दौरान वाम मोर्चा सरकार ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का समर्थन किया था लेकिन राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस नीत यूडीएफ ने इस निर्णय को बदल दिया था। राज्य में एलडीएफ के हाथों पराजय का सामना करने से पहले यूडीएफ सरकार का कहना था कि वह 10 से 50 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के खिलाफ है क्योंकि आदिकाल से यह परंपरा चली आ रही है। पीठ ने जब राज्य सरकार के रुख के बारे में पूछा तो वरिष्ठ अधिवक्ता गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार अतिरिक्त हलफनामे को नहीं बल्कि अपने 2007 के हलफनामे को अपनी मंशा का आधार बनाना चाहती है।

तिरुवनंतपुरम: माकपा (सीपीएम) के वरिष्ठ नेता और केरल राज्य प्रशासनिक सुधार समिति के अध्यक्ष वीएस अच्युतानंदन को बेचैनी की शिकायत के बाद गुरुवार को यहां के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. अच्युतानंदन के करीबी सूत्रों ने बताया कि 93 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री गुरुवार शाम को जब टहलने निकले तब उन्हें बेचैनी महसूस हुई, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. अस्पताल के सूत्रों ने बताया, ''उनके स्वास्थ्य की स्थिति अभी स्थिर है.'' उन्होंने बताया कि वह डॉक्टरों की निगरानी में है. इससे पहले दिन में माकपा नेता ने राज्य विधानसभा सत्र में भाग लिया और मलमपुझा में पर्यावरण से संबंधित प्रदूषण के मुद्दे को उठाया.

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