ताज़ा खबरें
सिविल जज भर्ती के लिए न्यूनतम तीन साल की प्रैक्टिस का नियम बहाल
गुजरात के मंत्री का दूसरा बेटा भी मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार
अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा: तेजस्वी यादव

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर लेने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख पहले भी सख्त रहा है। इससे पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि महिलाओं का मंदिर के अंदर ना जाना संविधान के खिलाफ है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस रोहिनतोन फाली निरमन, एम खानविल्कर, डीवाई चंद्रचूड़ और इंदू मल्होत्रा की बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही थी।

दीपक मिश्रा ने महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने का समर्थन करते हुए कहा था कि किस आधार पर मंदिर महिलाओं की एंट्री पर बैन लगा रहा है। चीफ जस्टिस ने कहा के मंदिर एक सावज़्जनिक संपत्ति है जहां कोई भी आ सकता है, अगर यहां किसी को भी आने की अनुमति है तो फिर महिलाओं को क्यों नहीं? संविधान में पुरुषों और महिलाओं को बराबरी का दजाज़् दिया गया है, ऐसे में मंदिर के अंदर महिलाओं को प्रवेश ना करने देना संविधान के खिलाफ है।

बेंगलुरु: राज्यों की शासन-व्यवस्था के मामले में केरल देश में अव्वल है जबकि कर्नाटक चौथे पायदान पर है। थिंक टैंक पब्लिक अफेयर सेंटर (पीएसी) द्वारा जारी सार्वजनिक मामलों के सूचकांक-2018 (पीएआई) में यह बात कही गई है। पीएसी ने शनिवार को अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, 'वर्ष 2018 के पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स (पीएआई) में केरल लगातार तीसरे साल शीर्ष पर है। यह सूचकांक वर्ष 2016 से राज्यों की शासन व्यवस्था पर सालाना आधार पर जारी हो रहा है।

इस रिपोर्ट में राज्यों के सामाजिक और आर्थिक विकास के आंकड़ों के आधार पर शासन-व्यवस्था के प्रदर्शन की रैंकिंग की जाती है। इस सूची में केरल के बाद दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर क्रमश: तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात हैं। पीएआई में मध्यप्रदेश, झारखंड और बिहार निचले स्तर पर हैं, जो इन राज्यों में अधिक सामाजिक व आर्थिक असमानता का सूचक है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सबरीमाला मंदिर मामले की सुनवाई के दौरान केरल सरकार ने मंदिर में महिलाओं की एंट्री की वकालत की है। राज्य सरकार ने दलील दी कि विज्ञान की तरक्की के बावजूद 50-55 साल से ज्यादा जीवन होगा ही इसकी कोई गारंटी नहीं ले या दे सकता। बहुत सी महिलाएं दर्शन करना चाहती हैं. केरल सरकार उनकी भावनाएं समझती है। महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी की जिस परंपरा को सदियों से माना जा रहा है वह आज के हिसाब से अपराध है।

वहीं इस दौरान कोर्ट सलाहकार ने कहा है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन ठीक उसी तरह से है जैसे दलितों के साथ छुआछूत का मसला है। कोर्ट सलाहकार राजू रामचंद्रन ने कहा कि छुआछूत के खिलाफ जो अधिकार है उसमें अपवित्रता भी शामिल है। अगर महिलाओं का प्रवेश इस आधार पर रोका जाता है कि वह मासिक धर्म के समय अपवित्र हैं तो यह भी दलितों के साथ छुआछूत की तरह है।

तिरुवनंतपुरम/नई दिल्ली: भाजपा की युवा शाखा के सदस्यों द्वारा कांग्रेस नेता शशि थरूर के यहां स्थित कार्यालय की दीवार को विरूपित किए जाने के कुछ दिन बाद ही उन्होंने यह सवाल करके नया विवाद खड़ा कर दिया है कि क्या ''हिन्दू धर्म का तालिबानीकरण शुरू हो गया है। थरूर ने हाल में यह टिप्पणी करके बड़ा विवाद पैदा कर दिया था कि अगर भाजपा फिर से सत्ता में आई तो वह संविधान को फिर से लिखेगी और ''हिन्दू पाकिस्तान बनाने का रास्ता तैयार करेगी। कांग्रेस ने आज एक बार फिर दोहराया कि पार्टी नेताओं को बयान देते समय संभलकर बोलना चाहिए।

थरूर की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने पत्रकारों से कहा, ''हमने पहले ही अपनी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट कर दी है। जब भी पार्टी नेता बोलते हैं तो उन्हें अपनी भाषा को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए। यह पहले ही कहा जा चुका है। तिरूवनंतपुरम से कांग्रेसी सांसद ने केन्द्र द्वारा राज्य को कथित रूप से नजरअंदाज करने के खिलाफ कल आयोजित विरोध प्रदर्शन में केरल के विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) के कार्यकर्ताओं से कहा, ''वे मुझसे पाकिस्तान जाने के लिये कह रहे हैं। यह फैसला करने का अधिकार उन्हें किसने दिया कि मैं उनके जैसा हिन्दू नहीं हूं, इसलिये मैं भारत में नहीं रह सकता?

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख