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तिरुवनंतपुरम: केरल में लगातार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालात ने धर्म और जाति के अंतर को दूर कर दिया है जिसका उदाहरण यहां की एक मस्जिद है जिसने हिंदुओं समेत सभी धर्म के लोगों के लिए अपने दरवाजे खोल दिये हैं। बाढ़ की संकट वाली स्थिति के बीच सबसे बुरी तरह से प्रभावित जिलों में शामिल उत्तरी मलप्पुरम की एक मस्जिद ने 17 विस्थापित हिंदू परिवारों को शरण दी है जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।

चलियार गांव के अकमपाडम में स्थित जुमा मस्जिद आठ अगस्त को उत्तरी जिलों में बाढ़ आने के बाद से राहत शिविर में तब्दील हो गयी है। धर्म और जाति से परे मस्जिद में सोने के लिए विस्थापित लोगों को आश्रय दिया जा रहा है। उन्हें कैंटीन में तैयार खाना मिलता है और घर वापसी के समय दाल, चावल और अन्य खाद्य सामग्री भी दी जा रही है। चलियार गांव पंचायत के प्रमुख पी टी उस्मान ने कहा कि जुमा मस्जिद में जिन 78 लोगों ने शरण ली, उनमें से अधिकतर हिंदू हैं।

नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात ने केरल में बाढ़ राहत अभियान के लिए करीब 700 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की पेशकश दी है। हालांकि सरकार के विदेशों से वित्तीय सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है। सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी। संयुक्त अरब अमीरात में कुल भारतीयों के 80 फीसदी केरल के हैं। मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपये दान देने का फैसला किया है।

रेल पटरियों की मरम्मत पूरी

भारतीय रेलवे ने मंगलवार को बताया कि बाढ़ की वजह से क्षतिग्रस्त हुई पटरियों की मरम्मत पूरी कर ली गई है और अब यातायात सामान्य है। मंत्रालय ने कहा कि अचानक आई बाढ़ और भूस्ख्लन की वजह से दक्षिण रेलवे के तीन संभाग सबसे अधिक प्रभावित हुए थे।

तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने मंगलवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने बाढ़ प्रभावित राज्य केरल के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय सहायता राशि बढ़ाकर 10 करोड़ डॉलर यानी 700 करोड़ रुपए कर दी है। उन्होंने कहा, देशभर से कई टनों में राहत सहायता मिल रही है।

वहीं, बारिश थमने के बाद केरल में आखिरकार बाढ़ की विभीषिका से लोगों को थोड़ी राहत मिली और उफनती नदियों के जलस्तर में कमी आई। बाढ़ के कारण बेघर हुए लोगों की तादाद काफी ज्यादा हो गई। राहत शिविरों में 10 लाख से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित जिलों में बनाए गए 3,274 राहत शिविरों में 10,28,000 लोग ठहरे हुए हैं। आधिकारियों ने मानसून सीजन के दौरान हुई भारी बारिश के कहर में अब तक 370 लोगों की मौत होने की पुष्टि की है।

तिरुवनंतपुरम: केरल में मूसलाधार बारिश थम गई है और बचाव कार्य भी अंतिम दौर में पहुंच रहा है। लेकिन राज्य में आई बाढ़ से हुई तबाही से उबरने और जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए केरल सरकार को तत्काल 21 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। इस बीच, राज्य ने केंद्र से मनरेगा योजना के तहत 2,600 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज देने की मांग की है। केरल के वित्तमंत्री थॉमस इसाक ने कहा कि बाढ़ से केरल में भारी तबाही हुई है और आधारभूत संरचनाएं ध्वस्त हो गई है।

राज्य को पटरी पर लाने के लिए तत्काल जिन मौलिक आधारभूत संरचनाओं का निर्माण किया जाना है, उसी पर 21 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसाक ने कहा, अकेले सड़कों के निर्माण के लिए 10 हजार करोड़ रुपये की जरूरत होगी। एक लाख घरों को भी भारी नुकसान हुआ है और औसतन प्रत्येक घर की मरम्मत के लिए चार लाख रुपये की दरकार होगी। जबकि बिजली और जल आपूर्ति व्यवस्था ठीक करने के लिए कम से दो हजार करोड़ रुपये चाहिए होंगे। वहीं कटान रोकने के लिए तीन हजार करोड़ रुपये की राशि चाहिए। वहीं राज्य मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र से मनरेगा सहित केंद्रीय योजनाओं के मद में 2600 करोड़ रुपये की विशेष सहायता मांगने का फैसला किया।

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