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नई दिल्ली: बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने कहा है कि विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित केरल में राहत एवं पुनर्विकास प्रयासों को मजबूती देने के लिए यूनिसेफ को 6,00,000 डॉलर दिए जाएंगे। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक फाउंडेशन ने एक बयान में बताया कि इस आपात अनुदान का लक्ष्य सरकारी प्रयासों एवं गैर सरकारी संगठनों द्वारा विस्थापितों, बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्विकास के लिए की जा रही पहल को मदद पहुंचाना है। यूनिसेफ वर्तमान में गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ राहत प्रयासों में अग्रणी होकर स्थानीय प्रशासन के साथ तालमेल बनाकर काम कर रहा है।

बयान में फाउंडेशन के वैश्विक विकास के अध्यक्ष क्रिस एलियास के हवाले से कहा गया, “बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन केरल में पिछली 100 सालों में आई सबसे भयंकर बाढ़ से प्रभावित हुए हजारों परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता है।” एलियास ने कहा, “हमें उम्मीद है कि हमारे त्वरित एवं लचीले वित्तपोषण से यूनिसेफ को बाढ़ से संबंधित जल-जनित बीमारियां और अन्य गंभीर स्वास्थ्य खतरों को फैलने से रोकने के लिए स्थानीय सरकारों के साथ काम करने में मदद मिलेगी।”

नई दिल्ली: विनाशकारी बाढ़ के चलते केरल में स्थगित की गईं रेलवे की कंप्यूटर आधारित परीक्षाएं अब चार सितंबर को होंगी। रेलवे ने कहा है कि परीक्षा देने में असमर्थ रहे लगभग 30 हजार अभ्यर्थी अब परीक्षा दे पाएंगे। केरल में भारी बारिश के चलते लाखों लोगों के बेघर होने के बाद रेलवे ने राज्य के केंद्रों पर होने वाली अपनी परीक्षाओं को स्थगित करने की घोषणा कर दी थी।

ये परीक्षाएं नौ अगस्त को शुरू हुई थीं तथा 13,14,17,20 और 21 अगस्त को चरणबद्ध तरीके से जारी रहीं। अगले चरण की परीक्षाएं 29, 30 और 31 अगस्त को होने वाली हैं। सहायक रेल चालक और तकनीशियनों के 66,502 पदों के लिए लगभग 48 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में बैठेंगे। केरल से बाहर के अभ्यर्थियों को अन्यत्र केंद्र आवंटित किए गए थे, जबकि केरल से ताल्लुक रखने वाले अभ्यर्थियों के लिए परीक्षाएं स्थगित कर दी गई थीं।

नई दिल्ली /कोच्चि: केंद्रीय मंत्री अलफोंस ने गुरुवार को कहा कि वह केरल अपदा में विदेशी मदद लेने के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि 2004 में सुनामी के बाद बनाई गई नीति में छूट दी जानी चाहिए। अलफोंस ने दिल्ली में कहा कि पिछले 50 सालों के दौरान केरल ने विदेशी विनिमय के तौर पर भारी मात्रा में योगदान किया है। वास्तव में पिछले साल ही उससे 75,000 करोड़ रुपये आए हैं। अल्फोंस ने कहा, ‘इन कारणों से एक कनिष्ठ मंत्री के तौर पर मैं अपने वरिष्ठ मंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे राज्य के लिए खासतौर पर विचार करें। मैं उनसे इस नीति में एक बार अपवाद का अनुरोध करता हूं।’

अलफोंस ने इससे पहले दिन में केंद्र के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि सुनामी के बाद दिसंबर 2004 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार ने एक नीतिगत फैसला किया था जिसमें प्राकृतिक आपदा के दौरान सरकार विदेश से आने वाली सहायता को स्वीकार नहीं करेगी। उल्लेखनीय है कि बाढ़ प्रभावित केरल में विदेशी सहायता को स्वीकार करने के लिए बढ़ते विवाद के बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने 2016 में सुझाव दिया था कि विदेशों से की गई सहायता की पेशकश को भारत द्वारा सद्भावना भरे कदम के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है।

नई दिल्ली: केरल में बाढ़ और वहां के हालात के बारे में लगातार सोशल मीडिया पर जानकारी साझा कर रहे केन्द्रीय मंत्री अल्फोंस कन्ननथनम ट्रोल हुए हैं। अल्फोंस ने एक राहत शिविर में सोते हुए अपनी तस्वीर साझा की, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनका मजाक बन गया। अल्फोंस ने कल एक ट्वीट किया, कल रात मैं चांगनाचेरी के एक राहत शिविर में सोया। ज्यादातार लोग अनिश्चित भविष्य को लेकर सो नहीं पाते। उन्होंने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह सहित कई लोगों को टैग भी किया था। हालांकि, ट्विटर पर लोग यह तस्वीर साझा करने के लिए उन्हें ट्रोल कर रहे हैं।

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, उनके पोस्ट के जवाब में एक व्यक्ति ने फेसबुक पर लिखा है, ''जी, हम जानते हैं कि आप सो रहे हैं। लेकिन, चूंकि आप पोस्ट कर रहे हैं, तो ऐसे में आप जवाब भी दे सकते हैं?

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