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तिरुवनंतपुरम: भाजपा की केरल इकाई की ओर से बुलाई गई हड़ताल से राज्य में शुक्रवार को आम जनजीवन प्रभावित रहा। सड़क से सरकारी और निजी बसें नदारद रहीं, दुकानें तथा होटल बंद रहे। सबरीमला मंदिर के आसपास निषेधाज्ञा के विरोध में भाजपा के प्रदर्शन स्थल के पास बृहस्पतिवार को 55 वर्षीय वेणुगोपाल नैयर नाम के व्यक्ति ने आत्मदाह कर लिया था। इसके बाद भाजपा ने राज्य में हड़ताल का आह्वान किया था।

भगवा पार्टी का दावा था कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार के सबरीमला मंदिर मामले मे ‘‘अड़ियल’’ रुख को देखते हुए नायर ने यह कदम उठाया था। हालांकि पुलिस ने कहा कि मजिस्ट्रेट के समक्ष अंतिम समय में नैयर ने कहा कि वह अवसाद में था और आग लगाने के बाद प्रदर्शनस्थल की ओर दौड़ा। केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) ने सबरीमला श्रद्धालुओं की परेशानियों को कम करने के लिए पांबा बस सेवा का संचालन कर रहा है। हालांकि हड़ताल समर्थकों द्वारा बस पर पथराव करने की वजह से केएसआरटीसी के तीन बस पलक्कड में क्षतिग्रस्त हो गई थीं।


वहीं तिरुवनंतपुरम में पुलिस ने मरीजों को मेडिकल कॉलेज और क्षेत्रीय कैंसर सेंटर तक पहुंचाने के लिए परिवहन की सुविधा मुहैया कराई। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘पुलिस बस दोपहर तक मेडिकल कॉलेज और आरसीसी के छह चक्कर लगा चुकी थी और प्रत्येक चक्कर में करीब सौ लोग थे। हमने हवाईअड्डे तक के लिए भी वाहनों का प्रबंध किया है।' वहीं कई कारोबारी संगठनों ने खुले तौर पर भाजपा की इस हड़ताल का विरोध किया क्योंकि तीन सप्ताह के भीतर दूसरी बार राज्य में हड़ताल बुलाई गई है।

भाजपा जिला इकाई ने भी एनईईटी की परीक्षा देने आए छात्रों के लिए गाड़ियों की व्यवस्था किया। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी राज्य में खुद ‘हंसी का पात्र’ हो गई है। भाजपा के राज्य प्रमुख पी एस श्रीधरन पिल्लई ने शुक्रवार को आत्मदाह के इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की है।

वहीं कांग्रेस प्रमुख मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने भाजपा को यह बताने को कहा है कि उसने यह हड़ताल क्यों बुलाई? मुत्तदा के रहने वाले वेणुगोपाल नैयर का शरीर 90 फीसदी तक जल गया था और उनकी मौत सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में शाम को हो गई।

तिरुवनंतपुरम: सचिवालय के समक्ष भाजपा के प्रदर्शन स्थल के पास बृहस्पतिवार को 55 वर्षीय एक व्यक्ति ने खुद को आग के हवाले कर दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। व्यक्ति को भगवान अयप्पा का भक्त बताया जा रहा है। इस मौत को लेकर भाजपा ने शुक्रवार को पूरे राज्य में हड़ताल का आह्वान किया है। भाजपा ने दावा किया कि पिनराई विजयन के नेतृत्व वाली केरल सरकार की सबरीमला मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने पर ‘अड़े’ रहने के रवैये के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए व्यक्ति ने आग लगाई।

पुलिस ने बताया कि मुत्तदा के रहने वाले वेणुगोपाल नैयर का शरीर 90 फीसदी तक जल गया था और उनकी मौत सरकारी चिकित्सा कॉलेज अस्पताल में शाम को हो गई। उन्होंने बताया कि भगवान अयप्पा के मंत्र का जप करते हुए नैयर ने खुद पर पेट्रोल डालकर राज्य सचिवालय के निकट वाले प्रदर्शन स्थल पर तड़के आग लगा ली। और एक तंबू में घुसने का प्रयास किया। उस तंबू में भाजपा के वरिष्ठ नेता सी. के. पद्मनाभन सबरीमला मंदिर के आसपास लागू निषेधाज्ञा हटाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन कर रहे हैं।

नई दिल्ली: केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर से जुड़े सभी लंबित मामले हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरित करने की गुहार लगाई है। राज्य सरकार ने सोमवार को दायर याचिका में आरोप लगाया है कि दक्षिणपंथी संगठनों के सदस्य शीर्ष अदालत के फैसले को लागू करने में रोड़े अटका रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को दिए फैसले में भगवान अय्यपा के मंदिर में 10 से 50 साल की बच्चियों और महिलाओं के प्रवेश पर लगे सदियों पुराने प्रतिबंध को खत्म कर दिया था। याचिका में कहा गया है कि केरल हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के कारण राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू करने में परेशानी हो रही है। 

निलक्कल और पम्बा दौरे के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित केरल

हाईकोर्ट ने सोमवार को सबरीमाला मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का आकलन करने को तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन कर दिया है। यह समिति निलक्कल और पम्बा का दौरा करेगी।

सबरीमाला: सबरीमाला में प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को भगवान अयप्पा मंदिर की ओर जा रही आंध्र प्रदेश की दो महिलाओं को रोका। क्योंकि वे प्रतिबंधित आयुसीमा से ताल्लुक रखती थीं, जिसके बाद केरल पुलिस को तीनों लोगों को गिरफ्तार करना पड़ा। तीनों प्रदर्शनकारी रान्नी के समीप इलाके के रहने वाले हैं और उन्होंने दो विभिन्न समूहों की दो महिला श्रद्धालुओं को रोका था। इन महिलाओं को जब रोका गया तो यह पहले ही पहाड़ी पर पहुंच चुकी थीं। एक श्रद्धालु 28 साल की थी तो दूसरी 42 साल की। अदालत द्वारा सबरीमाला में महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दिए जाने के बाद अभी तक 14 महिलाओं को मंदिर में बिना प्रार्थना किए लौटना पड़ा है।

पुलिस ने हालांकि कहा कि उन्हें इन श्रद्धालुओं द्वारा पहाड़ी की चोटी पर चढ़ाई के बारे में सूचित नहीं किया गया था, अन्यथा उन्हें जरूरी सुरक्षा मुहैया कराई गई होती। मंदिर कस्बे में तैनात पुलिस को आंध्र की इन दो श्रद्धालुओं के बारे में प्रदर्शन शुरू होने के बाद पता चला। पुलिस दोनों महिलाओं को वापस पांबा आधार शिविर ले गई और कड़ा विरोध जताने वाले तीन लोगों को हिरासत में ले लिया गया।

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