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तिरुवनंतपुरम: केरल के सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं के दर्शन करने से उपजे विरोध प्रदर्शन के बीच दो दिनों के अंदर महिलाओं समेत करीब 100 मीडियाकर्मियों पर हमले किए गए हैं। केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष ने इन घटनाओं के लिए संघ परिवार को जिम्मेदार ठहराते हुए गुरुवार को यह जानकारी दी। सबरीमाला कर्मा समिति(एसकेएस) द्वारा बुलाए गए और भाजपा व आरएसएस समर्थित सुबह से शाम तक के बंद के दौरान गुरुवार को यहां प्रदर्शनकारियों को अपना गुस्सा पत्रकारों पर निकालते देखा गया।

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हिंसा की निंदा की है। विजयन ने यहां मीडिया से कहा, 'कल से, यह देखने में आया है कि महिलाओं समेत मीडियाकर्मियों को भी संघ परिवार के कार्यकर्ताओं ने नहीं बख्शा है। ये लोग कानून अपने हाथ में लेना चाहते हैं, इससे गंभीरता से निपटा जाएगा। केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष वी. सुरेश ने कहा कि बुधवार से ही संघ परिवार के प्रदर्शनकारी पत्रकारों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हमें पूरे राज्य से खबर मिली है कि पूरे प्रदेश में करीब 100 पत्रकारों पर हमला किया गया है। तिरुवनंतपुरम, कोझिकोड और पलक्कड वह जिले हैं, जहां हमारे साथी पत्रकारों पर सबसे ज्यादा हमला हुआ है।'

तिरूवनंतपुरम/कोट्टायम: दो महिलाओं के सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश करने पर कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन के बीच, विभिन्न हिन्दूवादी समूहों के एक मुख्य संगठन ने बृहस्पतिवार को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया। महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की खबर फैलने के बाद, दक्षिणपंथी समूहों के कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए राजमार्ग अवरूद्ध किये और दुकानों तथा बाजारों को बंद कराया।

भाजपा और युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने राज्य सचिवालय के बाहर रिपोर्टिंग कर रहे मीडियाकर्मियों पर कथित रूप से हमला किया। 'सबरीमला कर्म समिति की तरफ से सुबह से शाम तक के बंद की घोषणा करते हुए इसकी नेता के पी शशिकला ने कहा कि सरकार ने भक्तों को धोखा दिया है। प्रतिबंधित आयु वर्ग (10 से 50 वर्ष) की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश देने के उच्चतम न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व कर रही समिति ने लोगों से उनके प्रदर्शन में उनका सहयोग करने की अपील की।

तिरुवनन्तपुरम: सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में बुधवार सुबह दो महिलाओं के प्रवेश करने के बाद कांग्रेस और भाजपा ने केरल की माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार और मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर जमकर हमला बोला। विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि मंदिर में महिलाओं के प्रवेश ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया और यह प्रतिबंधित आयुवर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश कराने के मुख्यमंत्री के कड़े रवैये को दर्शाता है।

कांग्रेस नेता चेन्निथला ने पत्रकारों से कहा, 'वीमेन वॉल अभियान के बाद उन्हें कौन मंदिर लेकर गया? 24 दिसम्बर को पहली बार मंदिर में प्रवेश करने के असफल प्रयास के बाद से वे कई दिनों से फरार थीं। यह स्पष्ट है कि वे पुलिस संरक्षण में थी। पुलिस ने मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार काम किया। यह मुख्यमंत्री के अड़ियल रवैया का नतीजा है।' उन्होंने यह भी कहा कि शुद्धिकरण के लिए मंदिर का बंद किया जाना ''शत प्रतिशत सही है। 'यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता ने कहा कि वह राज्यभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।'

कोच्चि: आज तड़के सुबह दो महिला भक्तों ने सबरीमाला मंदिर में भगवान अयप्पा के दर्शन करके सालों पुरानी परंपरा तोड़ दी। बिंदु और कनकदुर्गा नाम की इन महिला भक्तों ने सुबह 3:45 बजे मंदिर में जाकर दर्शन किया। पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 वर्ष की आयु की महिलाओं को भगवान अयप्पा स्वामी के मंदिर में प्रवेश की पाबंदी हटा दी थी। हालांकि, भगवान अयप्पा के भक्तों के विरोध के कारण अब तक एक भी महिला मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकी थी।

पेशे से वकील बिंदु और सामाजिक कार्यकर्त्ता कनकदुर्गा ने बताया कि उन्होंने पुरुषों के कपड़ों में मंदिर में प्रवेश करके दर्शन किया। दोनों के मुताबिक इस दौरान दर्जन भर पुलिस कर्मी भी सिविल ड्रेस में उनके साथ मौजूद रहे। बिंदु पेरिन्थालमन्ना और कनकदुर्गा कन्नूर की रहने वाली है। दोनों महिलाओं की उम्र 40 साल के करीब बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि दोनों महिलाओं ने पिछले महीने भी मंदिर में प्रवेश का प्रयास किया था मगर भारी विरोध के बीच वह नाकाम रही थी। तब पुलिस ने इन्हें मंदिर से दो किमी की दूरी पर ही रोक लिया था।

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