नई दिल्ली: जज के घर से कैश मिलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज किए जाने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा है कि हमने अपनी जांच रिपोर्ट राष्ट्रपति और पीएम मोदी को भेज दी है। ऐसे में अब उन्हें राष्ट्रपति और पीएम के पास ही जाना चाहिए। आपको बता दें कि एडवोकेट नेदुम्परा ने इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा आप प्रक्रिया का पालन करें। सीजेआई ने इन हाउस प्रक्रिया का पालन किया है। इस पर वकील मैथ्यू नेदुम्परा ने कहा यह घटना एक संज्ञेय अपराध है। पुलिस का कर्तव्य है कि वह एफआईआर दर्ज करे। यह अनुच्छेद 14 का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट का भी कर्तव्य है कि वह रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। मैं यह घोषणा चाहता हूं कि वीरस्वामी गलत हैं। यह पुलिस को अपने वैधानिक कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकता है। जस्टिस ओक ने कहा कि हमने आपकी प्रार्थनाएं पहले ही देख ली हैं।
खंडपीठ ने कहा कि चूंकि याचिकाकर्ताओं ने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के समक्ष कार्रवाई की मांग करते हुए कोई अभ्यावेदन दायर नहीं किया, इसलिए परमादेश की मांग करने वाली रिट याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि याचिका में उठाई गई अन्य राहतों - जैसे कि आंतरिक जांच प्रक्रिया निर्धारित करने वाले वीरस्वामी फैसले पर पुनर्विचार - पर वर्तमान चरण में विचार करने की आवश्यकता नहीं है। यह याचिका एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्परा और तीन अन्य लोगों द्वारा दायर की गई।