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तिरुवनंतपुरम: देश में कोरोना संक्रमण का पहला मामला दक्षिणी राज्य केरल में सामने आया था। शुरुआत में यहां वायरस काफी तेजी से फैला, लेकिन अब उसे काफी हद तक काबू कर लिया गया है। कोरोना को कुछ जिलों में कैद करने के बाद पी. विजयन सरकार राज्य में लॉकडाउन से राहत देने जा रही है। सोमवार से दो जिलों में बसें चलने लगेंगी, लोग ऑड-ईवन सिस्टम से अपनी गाड़ी से भी आवाजाही कर सकेंगे तो रेस्त्रां में बैठकर खाना भी खा पाएंगे।

दरअसल, केरल सरकार ने सभी जिलों को चार जोन में बांट दिया है और सभी के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी की गई है। रेड जोन में आने वाले जिलों कासरागोड, कन्नूर, कोझिकोड और मल्लापुरम को कोई छूट नहीं दी गई है। इन जिलों में मौजूद हॉटस्पॉट पूरी तरह सील रहेंगे। जरूरी वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति के लिए पहले की तरह अंदर जाने और बाहर निकलने के लिए दो ही गेट होंगे।

ऑरेंज जोन में आंशिक छूट

पाथानामिथिटा, एरनाकुलम और कोल्लम जिलों को ऑरेंज ए जोन में रखा गया है और यहां 24 अप्रैल से लॉकडाउन में आंशिक छूट दी जाएगी।

नई दिल्ली: निपाह और जीका जैसे वायरस से निपटने के बाद कोरोना से जंग में भी केरल की वामपंथी सरकार मॉडल सबसे कारगर साबित हो रहा है। कुछ दिनों पहले तक सबसे अधिक मामलों से जूझ रहे राज्य ने संक्रमण की दर पर तेजी से काबू पाया है। 30 मार्च को केरल में कोरोना के 222 मामले थे, जो 4 अप्रैल तक 295 पर ही पहुंच सके। जबकि इस दौरान कुछ राज्यों में मामले दो से छह गुना तक बढ़ गए।

विशेषज्ञ बताते हैं कि केरल सरकार ने पहला मामला आने से पहले ही 26 जनवरी को कोरोना से निपटने के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित कर लिया था। क्वारंटाइन से लेकर आइसोलेशन और कांटेक्ट खोजने के काम के लिए 18 समितियों का गठन कर दिया था। देश में पहला मामला 30 जनवरी को केरल में आया और एक-एक करके कुल तीन हो गए। ये तीनों ही फरवरी में स्वस्थ हो गए। इसके बावजूद केरल सरकार ने सतर्कता में कमी नही आने दी। जांच में भी केरल आगे है। पूरे देश में शुक्रवार तक 66 हजार जांच हुई इसमें से 10 हजार जांच अकेले केरल में हुई है। वहीं केरल पुणे की एक निजी लैब से रैपिड-पीसीआर किट खरीदने वाला देश का पहला राज्य है।

तिरूवनंतपुरम: केरल सरकार ने नशेड़ियों को उनकी बुरी हालत को देखते हुए चिकित्सीय सलाह पर शराब मुहैया कराने के लिए विशेष पास जारी करने का निर्णय लिया है, जिससे वे आबकारी विभाग की मदद से शराब ले सकें। डॉक्टरों के संघ की आपत्ति के बावजूद, कोविड-19 के प्रकोप के कारण लागू 21-दिवसीय लॉकडाउन के दौरान चिकित्सीय परामर्श पर शराबियों को शराब मुहैया कराने के संबंध में सोमवार रात को यह सरकारी आदेश जारी किया गया।

आदेश में कहा गया, “लॉकडाउन के कारण राज्य में शराब की दुकाने बंद होने की वजह से शराब ना मिलने से हताश होकर आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी समस्याएं देखी गयी हैं। राज्य सरकार इन्हीं समस्यायों से निपटने के लिए यह निर्णय ले रही है।” आदेश में कहा गया है कि जिन लोगों को नशा ना मिलने के कारण शारीरिक और मानसिक समस्याएं होती हैं उन्हें नियंत्रित और निर्धारित तरीके से शराब दी जा सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसे लक्षणों वाले लोगों को सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों, जिला अस्पतालों, सामान्य अस्पतालों या मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से संपर्क करना चाहिए और डॉक्टर से खुद की जांच करानी चाहिए।

तिरुवनंतपुरम: कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लागू है और जगह-जगह शराब की दुकानें बंद कर दी गई है। केरल में भी राज्य सरकार ने 14 अप्रैल तक शराब की दुकानों को बंद रखने का फैसला किया है, मगर केरल में शराब न मिलने की वजह से तीन युवकों ने आत्महत्या कर ली है। कल यानी शुक्रवार को जहां शराब न मिलने की वजह से एक युवक ने आत्महत्या कर ली, वहीं आज यानी शनिवार को दो युवकों ने सुसाइड कर लिया।

शनिवार को जिस शख्स ने शराब न मिलने की वजह से आत्महत्या की है, उसका नाम सनोज बताया जा रहा है। वह थ्रिसूर का रहने वाला था और उसकी बॉडी शुक्रवार सुबह मिली। इस तरह से जब से लॉकडाउन का ऐलान हुआ है तब से शराब न मिलने की वजह से तीन लोगों ने आत्महत्या कर ली है। एक घटना कोच्चि की है तो दूसरी कन्नूर की। इसके अलावा, कोरोना वायरस से केरल में आज पहली मौत भी दर्ज की गई है। केरल में एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना वायरस का इलाज करा रहे 69 वर्षीय व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गई।

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