ताज़ा खबरें
सिविल जज भर्ती के लिए न्यूनतम तीन साल की प्रैक्टिस का नियम बहाल
गुजरात के मंत्री का दूसरा बेटा भी मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार
अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा: तेजस्वी यादव

नई दिल्ली: देश में जारी कोरोना संकट के बीच केरल की पिनरई विजयन सरकार ने राज्य के लोगों के लिए कोविड-19 से बचाव के लिए जारी दिशा निर्देशों को एक साल तक पालन करना जरूरी बनाया है। केरल सरकार ने रविवार को कहा कि कोरोना वायरस महामारी के लिए सुरक्षा नियम अगले एक साल तक लागू रहेंगे। पब्लिक और सोशल डिस्टेंसिंग में मास्क या फेस कवर पहनना उन नियमों में से एक है, जिनका पालन करना जरूरी होगा। ऐसा करने वाला केरल देश का पहला राज्य बन गया है।

इसका मतलब कार्यस्थलों पर मास्क भी पहनने पड़ेंगे और हर जगह छह फुट की सोशल डिस्टेंसिंग लागू होगी। इसके अलावा शादियों में केवल 50 लोग और अंतिम संस्कार में सिर्फ 20 लोगों को भी अगले एक साल तक शामिल होने की इजाजत होगी। अधिकारियों से लिखित अनुमति के बिना किसी भी तरह की सामाजिक सभाओं, जुलूस,धरने-प्रदर्शन, मण्डली या किसी भी प्रकार का आयोजन नहीं किया जा सकता है। साथ ही अनुमति के बाद भी ऐसे समारोहों में 10 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते हैं।

कन्नूर: केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के एक नजदीकी शिविर में पिछले दो सप्ताह में 52 कर्मियों की जांच में कोविड-19 की पुष्टि हुई है जिसके बाद एक स्वास्थ्य अधिकारी को निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और पृथक-वास की व्यवस्था का जिम्मा सौंपा गया है। स्वास्थ्य विभाग ने वालिया वेलिचम स्थित शिविर में पृथक-वास के नियमों को सख्ती से लागू करवाने के लिए कमांडेंट को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है। शिविर में 200 सीआईएसएफ कर्मी रहते हैं।

जिला चिकित्सा अधिकारी (डीएमओ) ने कहा कि मंगलवार तक लिए गए 98 में से 52 नमूनों की जांच में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद एसओपी जारी की गई। उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, 'निगरानी, संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने और पृथक-वास की व्यवस्था करने के लिए एक उप जिला चिकित्सा अधिकारी को नियुक्त किया गया है।' उन्होंने कहा कि ज्यादातर कर्मी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों के हैं। डीएमओ ने कहा, 'हमें संदेह है कि ज्यादातर जवान अपने गृह नगर से यात्रा करने के दौरान संक्रमण के शिकार हुए होंगे।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार का मार्गदर्शन भारत का संविधान करता है और इसलिए सरकार धर्म, लिंग, जाति, नस्ल या भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करती है तथा 130 करोड़ भारतीयों को सशक्त बनाने की इच्छा इसके नेतृत्व के मूल में है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केरल के पथनमथिट्टा में जोसेफ मारथोमा मेट्रोपोलिटन के 90वें जयंती समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली में आरामदायक सरकारी कार्यालयों से फैसले नहीं लिए, बल्कि जमीनी स्तर पर लोगों से प्रतिक्रिया लेने के बाद निर्णय किए हैं।”

मोदी ने कहा, “यही भावना है जिसने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक भारतीय के पास बैंक में खाता हो।” उन्होंने इस बात पर बल दिया कि भारत सरकार धर्म, लिंग, जाति, भाषा या नस्ल आधार पर भेदभाव नहीं करती है

तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार ने आज कहा कि वह विदेश से आने वालों के लिए पूर्व उड़ान कोविड-19 परीक्षण अनिवार्य किए जाने पर केंद्र के साथ बातचीत कर रही है और उस संबंध में निर्णय जल्द ही लिया जाएगा। मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन ने कहा कि वैसे तो हम चार्टर्ड और निजी उड़ानों के लिए 25 जून से प्री-फ़्लाइट परीक्षण लागू करने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन इस पर अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा क्योंकि केंद्र के साथ भी विभिन्न संभावनाओं पर बातचीत हो रही है।

केरल में लगातार कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। केरल में एक दिन में 141 कोरोना पॉजिटिव केस आए, जो कि अभी तक सबसे अधिक आकंड़ा रहा। केरल में 15 जून से 22 जून के बीच करीब 95 प्रतिशत केस वो थे जो या तो विदेश से लौटे थे या फिर बाहरी राज्यों से आए थे। 4 मई से अब तक सामने आए 2711 मामलों में से 2595 मामले ऐसे हैं जो लोग या तो विदेश से आए हैं या फिर अन्य राज्यों से लौटे हैं। वापस लौटने वाले लोगों में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की संख्या को लेकर पहले ही केरल के सीएम ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिख चुके हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख