नई दिल्ली: सूचना प्रसारण मंत्रालय ने जिन दो टीवी चैनलों पर बैन लगाया है वो मलयालम न्यूज चैनल एशियानेट न्यूज और मीडिया वन न्यूज हैं। यह प्रतिबंध शुक्रवार (6 मार्च) की शाम 7.30 बजे से अगले 48 घंटे तक के लिए लगाया गया है। उन्हें शुरूआत में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था और उनके जवाब दाखिल करने के बाद मंत्रालय ने पाया कि उन्होंने केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) कानून, 1995 के तहत निर्धारित कार्यक्रम संहिता का उल्लंघन किया है।
मंत्रालय ने देशभर में किसी भी प्लेटफार्म से दोनों चैनलों के प्रसारण एवं पुनर्प्रसारण पर छह मार्च शाम साढ़े सात बजे से आठ मार्च शाम साढ़े सात बजे तक के लिए रोक लगा दी है। दोनों चैनलों को जारी आदेशों में रिपोर्टिंग का जिक्र किया गया है जो नियमों के खिलाफ हैं और जब स्थिति काफी संवेदनशील है, ऐसे में इस तरह की रिपोर्टिंग देश भर में साम्प्रदायिक विद्वेष को बढ़ा सकता है। दोनों प्रतिबंधित चैनलों पर आरोप है कि दिल्ली दंगों के दौरान रिपोर्टिंग में “किसी विशेष समुदाय के पूजा स्थल पर हमले की खबर दिखाई गई है और उस पर एक समुदाय का पक्ष लिया गया। मीडिया वन न्यूज को भेजे गए मंत्रालय के आदेश में कहा गया है कि चैनल के “सवाल आरएसएस और दिल्ली पुलिस की निष्क्रियता का आरोप लगाता है।”
यह “दिल्ली पुलिस और आरएसएस के प्रति आलोचनात्मक लगता है।”साथ ही चैनल का रवैया “सीएए समर्थकों की बर्बरता” पर केंद्रित है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फैसले को मीडिया वन चैनल एडिटर इन चीफ सीआई थामस ने मीडिया स्वतंत्रता में सरकारी हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा प्रतिबंध आपातकाल के दौरान भी नही लगाया गया था।
बता दें कि, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 53 हो गई है। कई इलाकों में भड़की हिंसा में 56 पुलिसकर्मियों समेत करीब 200 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस हिंसा में हेड कांस्टेबल रतनलाल और इंटेलिजेंस ब्यूरो के अफसर अंकित शर्मा की भी मौत हो गई।