ताज़ा खबरें
सिविल जज भर्ती के लिए न्यूनतम तीन साल की प्रैक्टिस का नियम बहाल
गुजरात के मंत्री का दूसरा बेटा भी मनरेगा घोटाला मामले में गिरफ्तार
अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी मिले शहीद का दर्जा: तेजस्वी यादव

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में तनातनी के बीच गुजरात के पोरबंदर में एक पाकिस्तानी नाव को कब्जे लिया गया है। प्रारंभिक खबरों के अनुसार यह नाव पोरबंदर के समुद्री इलाके में नजर आई जिसके बाद कोस्‍ट गार्ड्स ने इसे पकड़ लिया। इस नाव पर नौ लोग सवार थे जिन्हें हिरासत में लिया गया है। गौरतलब है कि उरी हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्‍ट्राइक ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। जहां एक तरफ भारत में पाक सीमा से जुड़े गांवों को खाल करवा लिया गया है वहीं सीमा पर हलचल भी बढ़ी हुई है। नाव सवारों से पूछताछ की जा रही है। अभी ये साफ नहीं हो सका है कि वह मछुआरे हैं या कोई और।गौरतलब है कि मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से आतंकी समुद्र के रास्ते ही भारत आए थे। सर्जिकल हमले के बाद भारत-पाक सरहद पर चौकसी बढ़ी, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने बढ़ाई गश्त और पढ़ें सर्जिकल हमले के बाद भारत-पाक सरहद पर चौकसी बढ़ी, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सुरक्षा बलों ने बढ़ाई गश्त अक्सर भारत और पाकिस्तान के मछु‌आरे समुद्री सीमा में भटककर एक दूसरे की सीमा पार कर जाते हैं और कोस्टकार्ड के हत्‍थे चढ़ जाते हैं।

नवसारी (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर बेहद उम्मीदों के साथ देख रही है और देश ‘होता है, चलता है’ रवैये को अब और वहन नहीं कर सकता है। इसे छोड़ना ही होगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कई बार हम अपनी आंखों के सामने चीजें होते देखते हैं लेकिन हमारी प्रतिक्रिया बेहद चलताऊ या खराब रहती है। मेरा मानना है कि भारत जैसा देश इस तरह के रवैये को वहन नहीं कर सकता है। ‘होता है-चलता है-देखेंगे’ के दिन लद गए हैं क्योंकि दुनिया हमें बेहद उम्मीदों के साथ देख रही है।’ मोदी सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से आयोजित सामाजिक सशक्तिकरण शिविर को संबोधित कर रहे थे। मोदी शनिवार को 66 साल के हो गए। कार्यक्रम का आयोजन प्रधानमंत्री के जन्मदिन के अवसर पर दिव्यांग नागरिकों को वित्तीय सहायता बांटने और सहायक उपकरण बांटने के लिए किया गया था। मोदी ने इस तरह के शिविर में हिस्सा लेने वाला पहला प्रधानमंत्री बनने पर खुशी जताई और उन्हें आमंत्रित करने के लिए मंत्रियों का शुक्रिया अदा किया। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत के साथ उनके तीन कनिष्ठ मंत्रियों रामदास अठावले, विजय सांपला और कृष्ण पाल गुर्जर ने मोदी के साथ मंच साझा किया। उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता के बाद 70 साल में एक दर्जन प्रधानमंत्री बने हैं। लेकिन मैं यहां आकर खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैं पहला प्रधानमंत्री हूं जिसने इस तरह के किसी कार्यक्रम में हिस्सा लिया है।’

लिमखेड़ा (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदिवासियों के बीच शनिवार को को अपना 66वां जन्मदिन मनाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कतार में सबसे आखिर में खड़े व्यक्ति को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने इसके अलावा गुजरात के सूखा प्रभावित क्षेत्र में पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन किया। दो महीने के भीतर तीसरी बार गुजरात यात्रा पर पहुंचे पीएम मोदी ने देश के स्वतंत्रता संघर्ष में आदिवासियों के योगदान को याद किया और पेयजल तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी का उनसे वादा किया। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मोदी ने गुजरात सरकार की 4817 करोड़ रूपये मूल्य की सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इसके जरिए दाहोद जिले के सूखा क्षेत्र के लिए पेयजल और सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘पानी की कमी के कारण मेरे आदिवासी भाइयों को पलायन करना पड़ता था और पूर्व में भीषण गर्मी में निर्माण श्रमिक के तौर पर काम करना पड़ता था। उस वक्त गुजरात सरकार ने 2014 से पहले उनके नेतृत्व में पानी को प्राथमिकता दी और पानी से संबंधित परियोजनाओं के लिए सर्वाधिक बजट आवंटित किया।’ 2014 में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी ने 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर काम किया। मोदी ने कहा, ‘आज हम हजारों करोड़ रूपये की लागत से पेयजल और सिंचाई के लिए जल प्रदान करने के लिए कई परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं।

अहमदाबाद: भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर ने आज कहा कि न्यायपालिका के सामने असली चुनौती उन पुराने मामलों को निपटाने की है, जो अदालतों में अटके हुए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि छोटे मामलों को निपटाना आसपास के गंदे कूड़ाघर को साफ करने जैसा है। गुजरात राज्य न्यायिक अकादमी का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति ठाकुर ने याद किया कि जब वह पंजाब एवं हरियाणा के मुख्य न्यायाधीश थे, उन्होंने दोनों राज्यों में लोक अदालतें आयोजित की थीं और 14 लाख मामलों का निपटारा किया था। उन्होंने कहा, ‘लेकिन तब हमने सोचा कि छोटे मामलों को निपटाना हाथ में झाड़ू लेकर पास के कूड़ा घर को साफ करने जैसा है। असली चुनौती पुराने मामलों पर गौर करने में है जो अदालतों में अटके हुए हैं।’ सीजेआई ने कहा कि इस मुद्दे पर गौर करने के लिए फिर उन्होंने दोनों राज्यों के न्यायाधीशों से सबसे पुराने दीवानी और फौजदारी के 200 मामलों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने कहा कि जानकारी मिलने के बाद हमने उनसे कहा कि अब लक्ष्य इन सबसे पुराने मामलों के निपटारे पर है क्योंकि सामान्य मामलों को निपटाना पर्याप्त नहीं है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख