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कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

उना (गुजरात): स्वतंत्रता दिवस पर एक विरोध रैली में अपने आंदोलन को तेज करने का संकल्प जताते हुए दलित समुदाय ने गुजरात में आज कहा कि अगर एक महीने के भीतर गुजरात सरकार प्रत्येक परिवार को पांच एकड़ जमीन देने की उनकी मांग को पूरा नहीं करती है तो विशाल रेल रोको आंदोलन शुरू किया जाएगा। देश के 70वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उना में हजारों दलित एकत्र हुए। रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी निशाने पर आए। उनके नेताओं ने ‘जयभीम’ के नारों के बीच अत्याचार और भेदभाव से आजादी मांगी। तिरंगे को संयुक्त रूप से हैदराबाद में आत्महत्या करने वाले दलित शोधार्थी रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला और बालू सरवैया (उना में जिन दलितों को पीटा गया था उनमें से एक के पिता) ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की मौजूदगी में फहराया। उना दलित अत्याचार लड़त समिति (यूडीएएलएस) द्वारा अहमदाबाद से शुरू की गई एक सप्ताह तक चलने वाली रैली उना में समाप्त हुई। यह रैली उसी स्थान पर समाप्त हुई जहां गोरक्षकों ने एक मृत गाय की खाल उतारने को लेकर कुछ दलितों की बर्बरता से पिटाई की थी। इसको लेकर दलित समुदाय में काफी नाराजगी है। यूडीएएलएस की स्थापना करने वाले और मार्च का नेतृत्व करने वाले वकील से नेता बने जिग्नेश मवानी ने सभा में कहा, ‘आप गाय की पूंछ पकड़ें, हमें जमीन दें। हमने राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांगें प्रस्तुत की हैं। अगर आप प्रत्येक दलित परिवार को अगले एक महीने में पांच एकड़ जमीन देने की हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करते हैं तो हम रेल रोको आंदोलन शुरू करेंगे।’

गांधीनगर: गुजरात के भूमि अधिग्रहण विधेयक 2016 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और स्वतंत्रता दिवस के दिन से इसे राज्य में लागू किया जाएगा. इसमें केंद्र के कठोर भूमि अधिग्रहण विधेयक 2013 के प्रावधानों को कमतर किया गया है. विधेयक में सार्वजनिक उद्देश्यों, औद्योगिक कॉरीडोर और सार्वजनिक-निजी भागीदारी की योजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण करने की खातिर सामाजिक प्रभाव आकलन और सहमति के नियमों को हटा दिया गया है. राजस्व मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासामा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ''राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 'जमीन अधिग्रहण, पुनर्वास और स्थान परिवर्तन (गुजरात संशोधन) विधेयक 2016 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार' को आठ अगस्त को अपनी सहमति दे दी.'' उन्होंने कहा,''हम राज्य में नये कानून को स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त से लागू करेंगे.'' राज्य सरकार इसे 15 अगस्त से पहले कानून के रूप में अधिसूचित कर देगी. उन्होंने कहा, ''2013 के संप्रग भूमि कानून में कई विसंगतियां थीं. हमारे नए संशोधित कानून में इन विसंगतियों को हटा दिया जाएगा और इससे राज्य में तेजी से विकास होगा.'' संशोधित विधेयक को इस वर्ष 31 मार्च को राज्य विधानसभा में पारित किया गया. फिर इसे राष्ट्रपति के पास सहमति के लिए भेज दिया गया. x वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद से नरेंद्र मोदी की सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून 2013 में संशोधन किया था. राजग सरकार ने जो भी संशोधन किया था वे सभी उस विधेयक का हिस्सा थे जिसे गुजरात विधानसभा ने पारित किया.

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा के 40 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 84 प्रतिशत मंत्री करोड़पति हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री पद से आनंदीबेन पटेल के इस्तीफे और मंत्रिपरिषद के पुनर्गठन के बाद 'गुजरात इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन आफ डेमोकेट्रिक रीफॉर्म्स' (एडीआर) ने नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री विजय रूपानी सहित सभी 25 मंत्रियों के चुनावी हलफनामों का विश्लेषण किया है. एडीआर ने जारी किए गए अध्ययन में कहा, "25 मंत्रियों में से 10 (40 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं... उनमें से पांच ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या, हत्या का प्रयास, लूट और डकैती शामिल हैं..." अध्ययन के मुताबिक, 25 मंत्रियों में से 21 (84 प्रतिशत) करोड़पति हैं और उनकी औसत सम्पत्ति 7.81 करोड़ रुपये है. अध्ययन में कहा गया है कि सबसे अधिक घोषित कुल आय वाले मंत्री सोलंकी पुरुषोत्तमभाई ओढवजीभाई हैं, जिनकी सम्पत्ति 37.61 करोड़ रुपये है. इसके बाद काकडिया वल्लभभाई गोबारभाई (28 करोड़ रुपये) और पटेल रोहितभाई जशुभाई (23 करोड़ रुपये) का नाम आता है.

अहमदाबाद: विजय रूपानी ने आज (रविवार) गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ले ली। रूपानी के साथ नितिन पटेल ने भी उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। आनंदीबेन पटेल की नज़दीकी माने जाने वाले ९ मंत्रियों की छुटी कर दी गई है।रुपानी कैबिनेट में सबसे ज्यादा तरजीह पटेलों को दी गई है। मंत्रियों के नामों पर फैसला आज सुबह 3 बजे तक किया गया। रुपानी कैबिनेट में कुल 25 मंत्री होंगे, जिनमें से 8 पटेल होंगे। मंत्रिमंडल में 8 पटेल नेताओं के अलावा, 14 जनरल कैटेगरी के विधायक होंगे, जबकि 7 ओबीसी, 3 एसटी और 1 अनुसूचित जाति के नेता होंगे। उन्होंने गांधीनगर में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित भाजपा शासित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद हैं। राज्यपाल ओपी कोहली ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। गौरतलब है कि काफ़ी उठापटक के बाद शुक्रवार को विजय रुपानी के नाम पर मुहर लगी थी। रूपानी के नाम को लेकर अमित शाह और आनंदीबेन पटेल के बीच नोक-झोंक भी हुई थी। हालांकि भाजपा का यह फैसला बेहद चौंकाने वाला रहा क्‍योंकि नितिन पटेल का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में रहा और ये लगभग तय माना जा रहा था कि वही नए मुख्‍यमंत्री होंगे। यहां तक कि नितिन पटेल ने कई चैनलों को इंटरव्‍यू तक दे दिए थे।

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