अहमदाबाद: अपने दो साथियों द्वारा यह आरोप लगाने के दो दिन बाद कि उन्होंने पाटीदार आरक्षण आंदोलन का अपने नेतृत्व आकांक्षा को पल्लवित एवं पोषित करने के लिए औजार के रूप में उपयोग किया, हार्दिक पटेल ने यह कहते हुए आज पलटवार किया कि उनके विरोधी गुजरात की भाजपा सरकार के कुछ लोगों के हाथों खेल रहे हैं जो उनकी छवि बदनाम कर उनके आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। हार्दिक के विरोधियों का जवाब देने के लिए पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) ने 29 अगस्त को उदयपुर में एक विशेष बैठक बुलायी है जहां वह गुजरात उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद चले गए हैं। यह समिति नौकरियों एवं शिक्षा में पटेलों को आरक्षण देने की मांग को लेकर मुहिम चला रही है। दो दिन पहले, पटेल के दो पूर्व साथियों चिराग और केतन पटेल ने एक खुले पत्र में हार्दिक पर आरोप लगाए थे जिससे इस संगठन में दरार के संकेत मिले थे। पत्र में दोनों ने आरोप लगाया था कि 23 वर्षीय हार्दिक ने नेता के रूप में उभरने की अपनी आकांक्षा को तुष्ट करने तथा उसके शुरू होने के सालभर के अंदर करोड़पति बनने के लिए इस आंदोलन को औजार तक इस्तेमाल किया। इन आरोपों पर हार्दिक ने कहा कि चिराग और केतन राज्य की भाजपा सरकार के शह पर झूठे आरोप लगा रहे हैं। हार्दिक ने कहा, ‘मेरा पक्का मानना है कि चिराग और केतन राज्य सरकार के कुछ लोगों के हाथों खेल रहे हैं जो मेरी छवि खराब कर आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं।
लेकिन वे सफल नहीं होंगे क्योंकि लोग जानते हैं कि मैं बेदाग हूं। पटेल समुदाय को मालूम है कि मैं कौन हूं।’ उन्होंने कहा, ‘इन आरोपों पर सफाई देने की जरूरत नहीं है क्योंकि मैं जानता हूं कि मैं गलत नहीं हूं। यह मेरे लिए नयी बात नहीं है।’ हार्दिक राजद्रोह के दो मामलों में पिछले महीने उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद राजस्थान के जयपुर चले गए हैं।