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अहमदाबाद: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार (27 अप्रैल) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और उनकी तुलना शादी समारोह में "ज्ञानी अंकल" से की जो हर बात पर लगातार शिकायत करते हैं और उपदेश देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने विरासत कर को लेकर भी पीएम मोदी की आलोचना की और कहा कि ये धारणाएं गलत हैं।

प्रियंका गांधी ने कहा, “अब, अगर ये ज्ञानी अंकल कहते हैं कि एक राजनीतिक दल है जो आपके घर में एक एक्स-रे मशीन लाएगा, आपकी सारी बचत, मंगलसूत्र और सोना स्कैन करेगा, जिसे ले लिया जाएगा और पैसा बांट दिया जाएगा तो आप हंसेगे ही न।”

‘बेरोजगारी अपने चरम पर’: प्रियंका 

महाराष्ट्र के लातूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, प्रियंका गांधी ने दावा किया कि बेरोजगारी 45 वर्षों में अपने उच्चतम स्तर पर है और 70 करोड़ लोग बेरोजगार हैं, इसके बावजूद केंद्र सरकार में खाली पड़े 30 लाख पद पिछले दस वर्षों में नहीं भरे गए हैं।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): सूरत से कांग्रेस प्रत्याशी रहे नीलेश कुंभानी पर पार्टी ने बड़ा एक्शन लिया है। पार्टी ने कुंभानी को छह साल के लिए निलंबित कर दिया है। नीलेश कुंभानी का लोकसभा उम्मीदवार के रूप में नामांकन कथित विसंगतियों के कारण 21 अप्रैल को खारिज कर दिया गया था।

कांग्रेस कमेटी की अनुशासन समिति की बैठक में तथ्यों का संज्ञान लेते हुए कुंभानी को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि पूरी तरह से लापरवाही या भारतीय जनता पार्टी के साथ आपकी मिलीभगत की स्थिति स्पष्ट थी। हालांकि, प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के अनुसार, अनुशासनात्मक समिति ने आपको उपस्थित होने और अपना पक्ष रखने के लिए समय दिया।

पार्टी ने कहा नाटकीय रूप से गायब हैं और आपने अपनी ओर से कुछ भी नहीं बताया है। इसलिए पार्टी ने छह साल के लिए निलंबित करने का फैसला किया है। इससे पहले कई कांग्रेस नेताओं ने नीलेश कुंभानी पर बीजेपी के साथ मिलकर बीजेपी प्रत्याशी को निर्विरोध जीत दिलाने में मदद की थी।

सूरत: लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का खाता खुलना लगभग तय माना जा रहा है। सूरत लोकसभा सीट से बीजेपी के मुकेश दलाल का निर्वाचित होना तय माना जा रहा है। दरअसल, कांग्रेस प्रत्‍याशी का नामांकन रद्द हो गया है। वहीं अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने रविवार को आरोप लगाया कि सूरत लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन पत्र भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर खारिज किया गया।

सूरत लोकसभा सीट पर निर्दलीय समेत 8 में से 7 उम्मीदवारों ने अपने फॉर्म वापस ले लिए थे। बाद में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी प्यारेलाल के गायब होने के बाद कलेक्टर कार्यालय में उपस्थित होकर नामांकन पत्र वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

निर्वाचन अधिकारी सौरभ पारधी ने अपने आदेश में कहा कि कुंभाणी और पडसाला द्वारा सौंपे गए चार नामांकन फॉर्म को प्रस्तावकों के हस्ताक्षरों में प्रथम दृष्टया विसंगतियां पाए जाने के बाद खारिज कर दिया गया।

अहमदाबाद: पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को साल 1996 एनडीपीएस मामले में पालनपुर के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय से झटका लगा है। कोर्ट ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को 20 साल के कठोर कारावास और 2 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

मालूम हो कि पालनपुर के द्वितीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने इससे पहले बुधवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को एनडीपीएस मामले में दोषी करार दिया था।

मालूम हो कि यह ड्रग्स को जब्त करने का मामला है। सत्र अदालत ने पूर्व अधिकारी को राजस्थान के रहने वाले एक वकील को झूठे आरोप में फंसाने के मामले में दोषी पाया है। संजीव भट्ट गुजरात दंगा मामलों में गलत बयानी के लिए काफी विवादास्पद रहे थे। 1996 में पुलिस ने पालनपुर के एक होटल के कमरे से ड्रग्स की बरामदगी की थी।

पुलिस के अनुसार, आरोपित वकील भी उसी कमरे में रह रहा था। उस समय भट्ट बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्यरत थे।

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