ताज़ा खबरें
प्रयागराज में बुलडोजर एक्शन को सुप्रीम कोर्ट ने अमानवीय-अवैध बताया
अमेरिका ने भारत को दी कृषि उत्पादों पर 100 फीसद टैरिफ की धमकी

नई दिल्ली: गुजरात के गिर-सोमनाथ में बुलडोजर एक्शन के मामले में शुक्रवार (25 अक्टूबर 2024) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान एक मुस्लिम संगठन ने दावा किया कि 1903 में यह जमीन उसे दी गई थी।

गुजरात सरकार ने दावे को बताया झूठा

गुजरात सरकार ने इस दावे को झूठा करार दिया और कहा कि जमीन सोमनाथ ट्रस्ट की थी। ट्रस्ट उसे काफी पहले सरकार को सौंप चुका है। अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई लंबे समय से चल रही थी। याचिकाकर्ता इसे सांप्रदायिक रूप दे रहा है।

गुजरात हाई कोर्ट लंबित सुनवाई को जारी रखे: सुप्रीम कोर्ट

गुजरात सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह फिलहाल ज़मीन को अपने पास ही रखेगी। इसे अभी किसी तीसरे पक्ष को नहीं दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस बयान को रिकॉर्ड पर लेते हुए कहा कि मामले में किसी अंतरिम आदेश की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो याचिकाएं गुजरात हाई कोर्ट में लंबित हैं, हाई कोर्ट उन पर सुनवाई जारी रखे।

नई दिल्ली: बिलकिस बानो केस में बीजेपी शासित गुजरात सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार (26 सितंबर, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोषियों की रिहाई से जुड़े आदेश में की गई टिप्पणियों को हटाने से इंकार कर दिया।

गुजरात सरकार ने अपने खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों को हटाने का अनुरोध किया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के दोषी 11 लोगों की समय पूर्व रिहाई को खारिज कर दिया था। इसी समय कोर्ट ने कुछ अहम टिप्पणियां की थीं।

गुजरात सरकार ने याचिका में क्या कहा?

गुजरात सरकार की याचिका में अदालत की इस टिप्पणी पर भी सवाल उठाया गया कि उसने "दोषियों के साथ मिली भगत करके काम किया है।"

राज्य सरकार ने तर्क दिया कि यह टिप्पणी अनुचित है और मामले के रिकॉर्ड के खिलाफ है और याचिकाकर्ता के खिलाफ पक्षपातपूर्ण भी है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इससे असहमति जताई।

भरूच: गुजरात के भरूच में 10 महीने की बच्ची से हैवानियत का मामला सामने आया है. रविवार को जब बच्ची अपने घर के आंगन में खेल रही थी, तो आरोपी उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया। फिर उसके साथ रेप किया। आरोपी की उम्र 30 साल बताई जा रही है। बच्ची की दादी ने उसके रोने की आवाज सुनी, तो आरोपी के घर की तरफ दौड़ी। दादी ने बच्ची को लहूलुहान हालत में देखा। परिवार की शिकायत के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने उसके खिलाफ पॉस्को एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की धाराएं लगाई हैं।

क्या है पूरा मामला?

आरोपी की पहचान दीपक कुमार लालबाबू सिंह के तौर पर हुई है। उसका बच्ची के घर पर आना-जाना था। वह अक्सर बच्ची के साथ खेला करता था। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, बच्ची की मां एक रेस्टोरेंट में काम करती है। रविवार को जब बच्ची अपने घर के आंगन में खेल रही थी, तभी उसने मासूम को उठा लिया और अपने घर लेकर गया। फिर अपनी हवस का शिकार बनाया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर से संपत्ति को ध्वस्त करने की कार्रवाई पर सख्त टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत में तीन जजों की पीठ ने गुजरात के नागरिक निकाय को यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश भी दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले में आरोपी के घर को बुलडोजर से गिराने की धमकी नहीं देने का आदेश दिया। अदालत ने साफ किया कि अपराध में आरोपी की कथित संलिप्तता संपत्ति को ध्वस्त करने का कोई आधार नहीं माना जा सकता।

न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा, इस देश में कानून का शासन है। राज्य सरकार की कानूनी कार्रवाई भी संविधान के दायरे में होती है। ऐसे में अगर परिवार का एक सदस्य गलत करता है तो संपत्ति ध्वस्त करने जैसी कार्रवाई कर अन्य सदस्यों या पूरे परिवार को आपराधिक कृत्यों की सजा नहीं दे सकते। शीर्ष अदालत ने साफ किया कि संपत्ति विध्वंस की धमकियां कानून के शासन वाले राज्य और देश में कल्पना से परे है। अदालत ने कहा कि वह ऐसी कार्रवाइयों से बेखबर नहीं रह सकती, जिन्हें 'देश के कानूनों पर बुलडोजर चलाने' के रूप में देखा जा सकता हो।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख