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अहमदाबाद: गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर बड़ा सियासी धमाका कर दिया है। आनंदी बेन पटेल ने फेसबुक पेज ये जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि मैं नंबवर में 75 साल की हो जाउंगी इसलिए मुझे मुख्यमंत्री पद से मुक्त किया जाए। खास बात है कि पिछले दिनों राज्य में दलितों के उत्पीड़न के बाद आनंदीबेन विपक्ष के निशाने पर थीं। बेन ने फेसबुक पर लिखा है कि मैं नवंबर में 75 साल की हो जाऊंगी। अब मैं जिम्मेदारियों से मुक्त होना चाहती हूं। आने वाली पीढ़ी को काम करने का मौका मिलना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट गुजरात 2017 के लिए नए सीएम को वक्त मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी के बड़े नेताओं से निवेदन कर रही हूं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अघोषित रूप से तय की गई 75 साल की आयु सीमा के चलते गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल के भविष्य को लेकर अटकलें लगने लगी हैं। आनंदीबेन आगामी नवंबर में 75 साल की हो जाएंगी। इससे पहले, इस अघोषित नियम के चलते ही पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला को इस्तीफा देना पड़ा था। आनंदीबेन मई 2014 में मुख्यमंत्री बनी थीं और वो 21 नवंबर को वे 75 साल की हो जाएंगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से भाजपा में यह आम राय बन रही है कि पार्टी में 75 पार कर चुके नेताओं को अन्य नेताओं को आगे आने के लिए मौका देना चाहिए।

इससे पहले, इस अघोषित नियम (75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं के लिए) के चलते ही पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला को इस्तीफा देना पड़ा था। इस आयु सीमा को ध्यान में रखते हुए ही मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ नेता बाबूलाल गौर और सरताज सिंह समेत कुछ अन्य मंत्रियों को राज्य मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई थी तो अधिक आयु के कारण लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा जैसे कई वरिष्ठ पार्टी नेताओं को मंत्री पद नहीं दिया गया था।

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