रांची: रांची की एक विशेष अदालत ने शनिवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पांच फरवरी को राज्य विधानसभा में विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति दे दी है। धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बुधवार को गिरफ्तार किए गए हेमंत सोरेन ने विशेष पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) अदालत के समक्ष एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में हेमंत ने चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नयी सरकार के विश्वास मत में भाग लेने की अनुमति मांगी थी। अदालत ने शुक्रवार को सोरेन को पांच दिन के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
सोरेन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि वह विधानसभा के सदस्य हैं और उन्हें विशेष सत्र में भाग लेने का अधिकार है। याचिका में कहा गया, ‘‘याचिकाकर्ता (हेमंत सोरेन) अर्जी दायर कर इस अदालत से एक आदेश का अनुरोध कर रहा है, ताकि उन्हें झारखंड विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने और पांच फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे होने वाले विश्वास मत की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति दी जा सके।''
झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मीडिया को बताया कि ईडी ने इस याचिका पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
रंजन ने कहा, ‘‘हमने कहा कि मामला अब उजागर हो चुका है और ईडी का उद्देश्य कोई जांच करना नहीं, बल्कि नई सरकार के गठन में बाधा डालना या सरकार गिराना है।''
उन्होंने कहा, ‘‘जब वह (हेमंत) जांच में हस्तक्षेप नहीं कर रहे, तो सदन की कार्यवाही में शामिल होने पर आपत्ति का कोई मतलब नहीं है। अदालत ने हमारी याचिका मंजूर कर ली है।''
सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई सोरेन बने सीएम
चंपई सोरेन के नेतृत्व वाली नयी सरकार को पांच फरवरी को सदन में बहुमत साबित करने के लिए विश्वास मत हासिल करना है। हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपई ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था।