रांची: भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा शनिवार को रांची स्थित रिम्स अस्पताल में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से मिलने पहुंचे। शत्रुघ्न सिन्हा के साथ कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेता हेमंत सोरेन भी थे। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले मामले में सजा काट रहे हैं और खराब स्वास्थ्य के चलते रिम्स अस्पताल में भर्ती हैं।
अपनी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी को लेकर अकसर सुर्खियों में रहने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने रिम्स अस्पताल में कहा, 'मैं सर्वदलीय प्रिय हूं, सभी दलों का दोस्त हूं, भाजपा भी हमारी दोस्त है और बाकी दल वाले भी हमारे दोस्त हैं। मैं भारतीय जनता पार्टी में अभी तक जरूर हूं, लेकिन उससे पहले मैं भारत की जनता का हूं, जो बातें कहता हूं, सोचता हूं और या जितना आगे बढ़ता हूं, देशहित में आगे बढ़ता हूं, निजी स्वार्थ के लिए नहीं।'
'नोटबंदी एक तुगलकी फरमान'
पटनासाहिब से भाजपा सांसद ने कहा 'सुबोधकांत सहाय हमारे पारिवारिक मित्र हैं, बड़े नेता है, इनके साथ मिलकर हमने नोटबंदी के खिलाफ सबसे पहले सिर्फ हमने आवाज उठाई, नोटबंदी बहुत गलत थी। यह तानाशाही और तुगलकी फरमान का एक नमूना था।'
'जीएसटी का आना नीम पर करेला'
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी के बाद बेहद उलझा हुआ जीएसटी आया। यह नीम पर करेला था। हमने आवाज उठाई। लेकिन यह पार्टी के खिलाफ नहीं थी। पार्टी को दर्पण दिखाने के लिए यह देशहित और जनहित के लिए उठाई गई आवाज थी। मैं जो भी कहता, करता हूं, निजी स्वार्थ के लिए नहीं करता। अपने लिए कोई फैक्ट्री लाइसेंस नहीं मांगता।
'तेजस्वी यादव बिहार का चेहरा और भविष्य'
'लालू से क्या बातचीत हुई' के सवाल पर सिन्हा ने कहा, ' लालू जी हमारे पारिवारिक मित्र हैं। हमारे दुख-सुख में भागीदार रहे हैं। हमारे निजी संबंध बहुत अच्छे हैं। उनका लड़का तेजस्वी यादव बिहार का चेहरा और भविष्य है। बहुत अच्छा लड़का है। लालू जी का हालचाल जानने के लिए मैं यहां आया हूं। मैं लालू जी से मिलने पहले भी आता रहा हूं। हमेशा मिलता रहा हूं। आज पारिवारिक बातें ज्यादा हुईं।
'दल होगा, दलदल नहीं'
आरजेडी ने पिछले कुछ सालों में बिहार में गजब का प्रदर्शन किया है। बहुत सारे लोगों का मानना है कि बदले की भावना से लालू जी को, शशि थरूर, चिदंबरम व उनके परिवार के लोगों को विभिन्न एजेंसियों के जरिए प्रताड़ित किया गया है। लालू जी से लोगों को काफी सहानुभूति है। किस दल से चुनाव लड़ेंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि दल होगा, दलदल नहीं होगा।