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धनबाद: लालू यादव के जेल जाने के बाद भले ही राजद को कांग्रेस का साथ मिला हुआ है। मगर अब लालू की पार्टी के साथ गठबंधन करने पर सभी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने 2019 के आम चुना में 'भ्रष्टाचार से दागदार' लालू प्रसाद के राजद के साथ चुनावी गठजोड़ करने से इनकार कर दिया है।

जब संवाददाताओं ने येचुरी से पूछा कि क्या माकपा आम चुनाव के वास्ते लालू प्रसाद के साथ गठजोड़ करेगी तो उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी सांप्रदायिक और भ्रष्टाचार से दागदार किसी दल के साथ गठजोड़ नहीं करेगी।’

बता दें कि चारा घोटाले के देवघर मामले में अदालत से सजा पाने के बाद लालू प्रसाद रांची की जेल में बंद हैं। माकपा नेता ने कहा कि चूंकि देश को ‘भाजपामुक्त सरकार’ की जरुरत है ऐसे में उनकी पार्टी सत्तारुढ़ दल या गठबंधन को बाहर से समर्थन करेगी जैसा कि उसने 1989,1996 और 2004 में किया।

उन्होंने कहा, ‘माकपा ने तब बाहर से सरकार का समर्थन किया था और वह फिर ऐसा करेगी।’ माकपा ने 1989,1996 और 2004 में क्रमश: वीपी सिंह सरकार, एच डी देवेगौड़ा सराकर और संप्रग प्रथम सरकार को समर्थन दिया था। येचुरी ने 2019 के आम चुनाव को मीडिया द्वारा नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी के रुप में पेश किये जाने पर अफसोस प्रकट किया और कहा, ‘अन्य ताकतों को नजरअंदाज करना गलत है......भाजपा सरकार की सांप्रदायिक और गलत आर्थिक नीतियों को चुनौती देने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर साझा न्यूनतम कार्यक्रम के आधार पर नरेंद्र मोदी का विकल्प तैयार किया जाएगा।’

माकपा और भाकपा के विलय के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें मुख्य बाधा यह है कि भाकपा चाहती है कि शीर्ष से यह प्रक्रिया शुरू हो जबकि उनकी पार्टी जमीनी स्तर से एकीकरण शुरू किये जाने के पक्ष में है।

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