रांची: झारखंड सरकार ने आज (शनिवार) कहा कि वह राज्य में कार्यरत मीडियाकर्मियों को मजीठिया वेज बोर्ड दिलाने के लिए शीघ्र आवश्यक कदम उठायेगी। झारखंड सरकार के एक हजार दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आज यहां राज्य के श्रम , नियोजन तथा प्रशिक्षण मंत्री राज पलिवार ने यह घोषणा की। पलिवार ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा कि राज्य में मजीठिया वेजबोर्ड लागू न किये जाने से जुड़े मामलों में अनेक मीडिया संस्थानों के खिलाफ अभियोजन चल रहा है और जहां भी वेज बोर्ड उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार लागू न किये जाने की बात सामने आयेगी वहां आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। विभिन्न मीडिया संस्थानों में पत्रकारों को दिये जा रहे वास्तविक वेतनमान और संस्थानों की आय की विस्तृत जांच के लिए श्रमायुक्त की अध्यक्षता में विशेष जांच दल गठित किये जाने के सुझाव पर भी मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया।
अपने विभाग की उपलब्धियां गिनाते हुए पलिवार ने कहा कि राज्य में रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में न्यूनतम मजदूरी 178 रुपये प्रति दिन से बढ़ाकर 210 रुपये कर दी गयी है। इतना ही नहीं उनकी मजदूरी को प्रति छह माह महंगाई भत्ता जोड़कर बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने 1000 दिनों में असंगठित क्षेत्र के बारह लाख, नब्बे हजार मजदूरों का बैंक खाता खुलवाया है और असंगठित क्षेत्र के चार लाख, पचास हजार मजदूरों का निबंधन कर लिया है। उन्होंने बताया कि झारखंड देश के उन चुनिंदा राज्यों में है जहां निर्माण क्षेत्र के श्रमिकों के लिए दुर्घटना की स्थिति में बीमा की राशि पचहत्तर हजार रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी गयी है। पलिवार ने बताया कि इसी प्रकार निर्माण क्षेत्र के मजदूरों की पेंशन सरकार ने पचास प्रतिशत बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रति माह से साढ़े सात सौ रुपये प्रति माह कर दी है। उन्होंने अपने विभाग के तहत चल रहे कौशल विकास कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब झारखंड को ‘स्कैम झारखंड’ की बजाय ‘स्किल्ड झारखंड’ के रूप में जाना जाने लगा है। इस उद्देश्य से राज्य में पिछले तीन वर्षों में 41 नये आइटीआई खोले गये हैं जबकि प्रथम चौदह वर्षों में राज्य में सिर्फ 27 आइटीआई थे। उन्होंने बताया कि राज्य में पहली बार दो हजार बीड़ी मजदूरों को भी आवास देने का निर्णय लिया गया है।