हजारीबाग: झारखंड की हजारीबाग कोर्ट ने राजद नेता और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह और उनके भाइयो दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को पूर्व विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई है। साथ में 40- 40 हज़ार का अर्थदंड भी लगाया । एडीजे 9 सुरेन्द्र शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह सजा सुनाई । बहुचर्चित केस और हाइप्रोफाइल मामले को देखते हुए सुरक्षा कारणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का सहारा लिया गया ।पिछले गुरुवार को प्रभुनाथ सिंह को 22 वर्ष पुराने हत्या के इस मामले में दोषी करार दिया गया था। हजारीबाग जिले की अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत ने प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और रितेश सिंह को इस मामले में दोषी ठहराया था। लंबी कानूनी प्रक्रिया, 22 से अधिक गवाहों के गुजरते गुजरते 22 साल बीत गए । गवाहों के बयान और साक्ष्यों को देखते हुए कोर्ट ने हत्या और एक्सप्लोसिव एक्ट में उन्हे यह सजा सुनाई । अशोक सिंह 1995 में बिहार में मशरक निर्वाचन क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे। उन्होंने प्रभुनाथ सिंह को हराया था। इस चुनावी जीत के 90 दिन बाद ही उनकी हत्या कर दी गई। 1995 में प्रभुनाथ सिंह जनता दल में थे और बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) शामिल हो गए। मौजूदा समय में वह राजद में हैं। अशोक सिंह के भाई तारकेश्वर सिंह ने मीडिया को बताया कि उनके भाई ने 1995 में प्रभुनाथ सिंह को चुनाव में हरा दिया था।
इसके बाद प्रभुनाथ ने खुले तौर पर कहा था कि अशोक सिंह के विधायक बनने के 90 दिनों के भीतर उसकी हत्या कर दी जाएगी और 90 दिन बाद 3 जुलाई, 1995 को पटना में उनके सरकारी आवास में बम मार कर उनकी हत्या कर दी गई। अशोक सिंह की हत्या के बाद उनकी पत्नी चांदनी देवी ने प्रभुनाथ सिंह और उनके दो भाइयों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर बिहार से झारखंड की हजारीबाग अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था।