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रांची: झारखंड सरकार की लापरवाही से राज्य में 10 लाख से अधिक लोगों का आधार डाटा सार्वजनिक हो गया है। राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग की वेबसाइट की लापरवाही का बड़ा मामला समाने आया है। झारखंड में कुल 16 लाख पेंशनर हैं, इनमें से 14 लाख लोगों ने अपने बैंक खाते को आधार से जोड़ दिया है। इन सभी लोगों की आधार की जानकारी वेबसाइट पर सार्वजनिक हो गई है। इस वेबसाइट पर वृद्धावस्था पेंशन पाने वाले लोगों का आधार नंबर के साथ, नाम पता और बैंक खाते की जानकारी भी सार्वजनिक हो गई है। इन लोगों का निजी डाटा किसी को भी मिल सकता है जो इस वेबसाइट पर जाकर देखने की कोशिश करेंगे। यह गड़बड़ी उस समय सामने आई है जब सरकार कई तरह के सरकारी लाभ पाने के लिए आधार को अनिवार्य करने की बात कर रही है। जब संवाददाता ने वेबसाइट पर जाकर देखा तो पाया कि यहां पेंशनरों के बैंक खाते के बारे में और आधार नंबर को आसानी से देखा जा सकता है। जबकि आधार एक्ट के तहत किसी का भी आधार नंबर प्रकाशित करना गलत है। हाल ही में आधार सेवा प्रदान करने वाले वेबसाइट को यूआईडीएआई ने दस साल के लिए काली सूची में डाल दिया था जिसने क्रिकेटर एमएस धौनी का आधार नंबर सार्वजनिक कर दिया था। हाल में यूआईडीएआई ने ऐसी कई वेबसाइटों को भी प्रतिबंधित किया है जो आधार सेवाएं प्रदान करने का दावा करते थे।

इस मामले में जब राज्य के सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधिकारी एमएस भाटिया से बात की गई तो उन्होंने माना कि इस गड़बड़ी पर हमारी नजर है और हमारे विशेषज्ञ इसे ठीक करने की कोशिश में लगे हुए हैं।

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