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हैदराबाद: चार दक्षिणी राज्यों की अपनी दो दिवसीय यात्रा के हिस्से के रूप में आज हैदराबाद के बेगमपेट हवाई अड्डे पर पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी करने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) नहीं जाएंगे। केसीआर की जगह प्रतीक्षा मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव प्रधानमंत्री की आगवानी करेंगे। हर बार जब पीएम मोदी तेलंगाना पहुंचे और मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया तो तलसानी ही प्रधानमंत्री की आगवानी करने पहुंचे हैं।

भाजपा नेताओं का कहना है कि पीएम मोदी की अगवानी नहीं करके केसीआर प्रोटोकॉल का उल्लंघन करेंगे। हैदराबाद और रामागुंडम के प्रमुख स्थानों पर लगाए गए पोस्टर, बैनर और तख्तियां भी भाजपा और केसीआर की पार्टी के बीच विवाद पैदा कर रहे हैं। इन बैनर्स और पोस्टर्स में प्रधानमंत्री को तेलंगाना नहीं आने को कहा गया है। सिकंदराबाद से सांसद और केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी कहा, "केसीआर इसमें राजनीति क्यों लाए? यह तेलंगाना के लिए गर्व और प्रतिष्ठा की बात है कि प्रधानमंत्री राज्य को लाभान्वित करने वाली कई परियोजनाओं का शुभारंभ कर रहे हैं और राष्ट्र को समर्पित कर रहे हैं।"

नई दिल्ली: अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय की तरफ से केसीआर सरकार में मंत्री गंगुला कमलाकर के ठिकानों पर कार्रवाई की गयी है। गंगुला कमलाकर पिछड़ा वर्ग कल्याण, खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री हैं। सूत्रों के अनुसार यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है, जब मंत्री गंगुला कमलाकर अपने परिवार के साथ दुबई में हैं। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा की गयी इस कार्रवाई के बाद आशंका है कि बीजेपी और टीआरएस सरकार के बीच जारी लड़ाई और तेज हो सकती है। बताते चलें कि केसीआर की तरफ से मोदी सरकार पर उन्हें परेशान करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगातार लगाया जाते रहा है।

गौरतलब है कि ईडी की तरफ से मुनुगोड़े उपचुनाव के एक सप्ताह के अंदर हुआ है। जिसमें टीआरएस के हाथों बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में भाजपा उम्मीदवार, कोमाटिरेड्डी राज गोपाल रेड्डी, जिनके परिवार के पास एक बड़ी खनन कंपनी है, चुनाव हार गए थे।

हैदराबाद: तेलंगाना हाईकोर्ट से बीजेपी को झटका लगा है। अदालत ने केसीआर की पार्टी द्वारा लगाए गए बीजेपी पर आरोपों की जांच का आदेश राज्य पुलिस को दिया है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस की तरफ से कहा गया था कि उनके चार विधायकों से पार्टी बदलने के लिए बीजेपी की तरफ संपर्क किया गया था। पार्टी विधायकों को पैसे की लालच भी दी गयी थी। पूरे मामले पर प्रतिद्वंद्वी भाजपा ने तेलंगाना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी "तटस्थ" एजेंसी से जांच कराने की मांग की थी। जिसके बाद अदालत ने भाजपा की याचिका पर सुनवाई लंबित रहने तक राज्य पुलिस को जांच करने का आदेश दे दिया।

साथ ही अदालत ने तेलंगाना राष्ट्र समिति सरकार को भाजपा की चिंताओं का जवाब देने के लिए भी नोटिस जारी किया है। अदालत ने सरकार को 18 नवंबर तक का समय दिया है। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, केसीआर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के कुछ वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि बीजेपी की तरफ से उनके विधायकों को लालच दी जा रही है।

नई दिल्ली: तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अपनी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने के मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर एक बार फिर निशाना साधा है। उन्होंने गुरुवार मुनुगोड़े में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक के बाद एक कई ऐसे वीडियो पेश किए, जिनके माध्यम से उन्होंने ये दावा किया कि बीजेपी ने कुछ दिन पहले उनके विधायकों को खरीदने की कोशिश की। केसीआर ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम 'रिश्वत देने और विधायकों को खरीदने' की राजनीति को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करेंगे कि बुनकर परिवार का एक भी वीडियो बीजेपी को ना जाए।

केसीआर ने आगे कहा कि "पीएम मोदी इससे ज्यादा और क्या चाहते हैं? देश में पीएम से बड़ा और कोई बड़ा पद नहीं है, है कि नहीं? आप इस पर एक बार नहीं बल्कि दो पार रह चुके हैं। फिर भी ऐसा क्यों है। फिर ये दुष्टता और अराजकता क्यों? इससे पहले भी मुख्यमंत्री केसीआर ने अपने विधायकों को खरीदने की कोशिश करने को लेकर बड़ा बयान दिया था।

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