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हैदराबाद: एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स डीलर गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद नार्कोटिक्स विभाग ने भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी और बैंगलुरू के एक वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया है। ये दोनों गिरफ्तारियां नार्कोटिक्स द्वारा कई राज्यों में मारे गए छापे के बाद की गई हैं। इन छापों में करीब 221 किलोग्राम एम्फेटामाइन ड्रग्स जब्त की गई है, जिसकी कीमत 230 करोड़ रुपये के करीब बताई जा रही है। प्राप्त सूचना के मुताबिक, एयरफोर्स विंग कमांडर को कल महाराष्ट्र के नांदेड़ में गिरफ्तार किया गया, जब वह हैदराबाद से गोवा जा रहे थे। उनके पास से 7 लाख रुपये से ज्यादा नकद, पांच मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज मिले हैं। उन्हें ड्रग्स के मुख्य सप्लायरों में से एक माना जा रहा है। दिल्ली स्थित सूचना प्रौद्योगिकी निदेशालय में तैनात इस अफसर पर नार्कोटिक्स विभाग और वायुसेना की खुफिया इकाई पिछले कई हफ्तों से नजर रखे थी। वहीं सूत्रों ने बताया कि कई अन्य अधिकारियों पर भी निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि कई पार्टी ड्रग्स में इस्तेमाल होने वाला एम्फेटामाइन हैदराबाद में पट्टे पर लिए गए कारखाने में बनाया जा रहा था। ये ड्रग्स कथित तौर पर यहां से मलेशिया, थाईलैंड और इंडोनेशिया भेजी जाती थीं। शुक्रवार को मारे गए छापे में पकड़ा गया ड्रग एम्फेटामाइन तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता है और ये करीब 18 से 20 लाख रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बिकती है।

सूत्रों ने बताया कि शोध वैज्ञानिक वेंकट रामा राव इस ड्रग्स सिंडिकेट के अहम सदस्य थे। वह और एयरफोर्स कमांडर एक ही क्लास में साथ पढ़ चुके हैं और जब कमांडर की नियुक्ति बैंगलुरु हुई तो वे फिर से संपर्क में आए।

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