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हैदराबाद: साल 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 मुसलमानों के पलायन करने का दावा करते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को बीजेपी से कहा कि क्या वह वहां एक जांच टीम भेजेगी, जैसा कि इसने हिंदुओं के कथित पलायन के मुद्दे पर कैराना भेजी है। हैदराबाद से लोकसभा सदस्य ने उत्तर प्रदेश के कैराना से कथित तौर पर पलायन करने वाले 346 परिवारों की सूची को 'फर्जी' बताया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर नाटक करना बीजेपी और सपा दोनों के हितों के अनुकूल बैठता है। ओवैसी ने दावा किया कि मुजफ्फरनगर दंगों के बाद 50,000 से अधिक लोगों ने अपना मूल स्थान छोड़ दिया, जहां वे पीढ़ियों से रहते आ रहे थे। उन्होंने इसे देश की आजादी के बाद अल्पसंख्यकों को सामूहिक रूप से हटाने का कार्य बताया।

उन्होंने कहा, 'क्या बीजेपी एक जांच टीम भेजेगी? (मुजफ्फरनगर दंगों के बाद) विस्थापित हुए 50,000 लोगों के साथ क्या हुआ, उसका पता लगाने के लिए क्या बीजेपी कोई समय निकालेगी?' ओवैसी ने दावा किया कि मूल रूप से उसके (बीजेपी) पास कोई और मुद्दा नहीं है और यह (कैराना मुद्दा) बीजेपी का असली चेहरा उजागर करता है जो 'सबका साथ सबका विकास' की बात करती है। उन्होंने कहा कि यह बीजेपी और सपा दोनों के लिए उपयुक्त बैठता है, बीजेपी बहुसंख्यक समुदाय के बीच डर की भावना पैदा करना चाहती है। सपा मुसलमानों को यह संदेश देना चाहती है कि यदि आप सपा को नहीं चुनते हैं तो आप असुरक्षित हैं। इस तरह यह नाटक बीजेपी और सपा, दोनों के अनुकूल बैठता है। उन्होंने कहा कि जब ऐसा मुद्दा सामने आता है तो सपा खुश होती है, क्योंकि इसे अपने मकसद में नाकाम रहने और कुशासन पर सवालों का जवाब नहीं देना पड़ता है। ओवैसी ने कहा कि एआईएमआईएम अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में एक गठबंधन बनाने के लिए विकल्प खुले रखे हैं।

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