नई दिल्ली: जेएनयू (एसयू) अध्यक्ष कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी को उचित ठहराते हुए दिल्ली पुलिस आयुक्त बी एस बस्सी ने सोमवार को दावा किया कि उन्होंने परिसर में विवादित कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रविरोधी नारे लगाए थे लेकिन कहा कि पुलिस को अब तक घटना को लेकर लश्करे तैयबा से जुड़ाव का सबूत नहीं मिला है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात के बाद बस्सी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कन्हैया उस कार्यक्रम में मौजूद थे, जहां उन्होंने भाषण दिया और गैरकानूनी जमावड़े में भागीदारी की, जहां भारत विरोधी नारे लगाए गए। उनकी संलिप्तता और हमें जो अब तक सबूत मिला है उस वजह से देशद्रोह के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया है।’ आयुक्त ने दो बार कहा कि कन्हैया उस कार्यक्रम का हिस्सा थे जिसमें राष्ट्रविरोधी नारे लगाए गए। उन्होंने कहा कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी दिए जाने के खिलाफ जमावड़ा राष्ट्रविरोधी और गैरकानूनी था। मुद्दे पर जब जोर दिया गया तो उन्होंने कहा, ‘हां उन्होंने राष्ट्रविरोधी नारे लगाए।’
बस्सी ने कहा कि कार्यक्रम में उन्होंने जो भाषण दिए वह काफी आपत्तिजनक था। घटना में संलिप्त संदिग्ध जेएनयू के छात्रों और कश्मीर के आतंकियों के बीच कथित जुड़ाव के बारे में पूछे जाने पर बस्सी ने कहा, ‘आतंकी जुड़ाव की जांच के लिए कन्हैया से पूछताछ होगी। पुलिस कुछ अन्य छात्रों की भी तलाश कर रही है जो घटना के बाद फरार हो गए और उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।’ बहरहाल, बस्सी ने कहा कि जेएनयू घटना को लेकर लश्करे तैयबा के साथ जुड़ाव का कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने कहा, ‘और जब यह मिलेगा इसे गृह मंत्रालय से साझा किया जाएगा।’ पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि कन्हैया से पूछताछ के दौरान अहम जानकारी हाथ लगी जिसे परखा जाएगा और कदम उठाया जाएगा। वीडियो फुटेज में उसी कार्यक्रम में कथित तौर पर भारत विरोधी नारे लगाने वाले एबीवीपी के छात्रों के नजर आने के बारे में पूछे जाने पर बस्सी ने कहा, ‘जहां तक मुझे पता है एबीवीपी के छात्र संबंधित कार्यक्रम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। हालांकि उनके खिलाफ कुछ भी मिलेगा तो उन्हें भी कानूनी कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा।’ लश्करे तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के कथित ट्वीट को लेकर ट्विटर पर दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों को नसीहत देने संबंधी विवाद के बारे में आयुक्त ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने, ‘अभी इसमें मत जाइये कि ट्वीट सही था या नहीं। ट्वीट की सामग्री देखिए। ट्वीट की सामग्री ईशनिंदात्मक थी जिससे हिंसा भड़क सकती थी और यही कारण है कि हमने अलर्ट जारी किया।’ बस्सी ने कहा, ‘हाफिज सईद ने ट्वीट खुद पोस्ट किया या यह एक फर्जी अकाउंट है या फिर किसी ने उसके नाम का इस्तेमाल कर ऐसा किया, सभी चीजों पर जांच की जा रही है। इसकी जांच शुरू कर दी गयी है।’ साथ ही कहा कि पुलिस कई ट्वीट की निगरानी कर रही है जिसे अलग-अलग अकाउंट से डाला गया। बहरहाल, दिल्ली पुलिस के दक्षिण जिले में 13 अन्य जेएनयू छात्रों का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम बनायी गयी है। पुलिस का दावा है कि ये सभी भारत विरोधी नारेबाजी में संलिप्त थे।