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चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा की मांगों को स्वीकार कर लिया है। मंगलवार को किसानों का आंदोलन तेज हो गया था और 23 संगठनों से जुड़े किसान चंडीगढ़ के लिए कूच कर गए थे, जिन्हें मोहाली में रोक लिया गया था। अब आम आदमी पार्टी की सरकार ने धान रोपाई की मांग स्वीकार कर लिया है, जिसके तहत 7 जून से इसके पहले चरण की शुरुआत होगी। पंजाब सरकार ने तीन चरणों में धान रोपाई की मांग को स्वीकार कर लिया है। भगवंत मान ने बुधवार को दोपहर को किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। वहीं बड़ी संख्या में किसान चंडीगढ़ की सीमा पर ही डटे हुए हैं और सरकार की ओर से औपचारिक आदेश जारी किए जाने के बाद ही पीछे हटने की बात कही है।

दरअसल पंजाब सरकार ने ऐलान किया था कि धान की रोपाई का सत्र 18 जून से शुरू किया जाए और पूरी प्रक्रिया 4 चरणों में पूरी होनी चाहिए। इस पर किसानों ने आपत्ति जताई थी। अब यह तीन चरणों में होगी और 7 जून से इसकी शुरुआत की जाएगी। पहले राउंड में उन क्षेत्रों में धान की रोपाई होगी, जहां पानी की कमी है।

इसके बाद 14 और 17 जून को दूसरे एवं तीसरे चरण की शुरुआत होगी। किसानों से मुलाकात में भगवंत मान ने मूंग की फसल को भी एमएसपी पर खरीदने का फैसला लिया। इसके लिए मंडियों का भी चयन कर लिया गया है और जल्दी ही इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।

गेहूं पर 500 रुपये प्रति क्विंटल बोनस से किया इंकार

किसानों संग बैठक में भगवंत मान ने कहा कि वह बासमती की खरीद के लिए केंद्र सरकार से बात करेंगे और उसके मुताबिक ही फैसला लेंगे। मक्के की खरीद पर भी जल्दी ही फैसला लेने का भरोसा मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया है। हालांकि इस दौरान उन्होंने गेहूं की प्रति क्विंटल खरीद पर 500 रुपये का बोनस दिए जाने की मांग को खारिज कर दिया। कहा जा रहा है कि अब जल्दी ही किसान धरने से उठने पर फैसला ले सकते हैं। सीएम से मुलाकात के बाद प्रतिनिधि धरना स्थल पर पहुंचेंगे और साथी नेताओं से बातचीत के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

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