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चंडीगढ़: पंजाब में अपनी मांगों को लेकर किसान संगठनों ने भगवंत मान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंगलवार को अलग-अलग किसान यूनियन के नेता चंडीगढ़ की तरफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए बढ़ रहे थे। किसानों को पुलिस ने रास्ते में ही रोक लिया। उनका आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने चुनाव से पहले जो किसानों से वादे किए थे, उन्हें पूरा नहीं कर रही है।

किसानों के मुताबिक उन्होंने गेहूं की फसल पर प्रतिक्विंटल 500 रुपये का बोनस मांगा था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सहमति भी जताई थी लेकिन इसको लेकर अब तक कोई नोटिफिकेशन नहीं जारी किया गया है। एक किसान ने कहा, हमारी मांग हैकि बासमती, मूंग की एमएसपी का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। इसके अलावा बिजली के प्रीपेड मीटर नहीं लगने चाहिए। जब तक हमारी मांगें नहीं पूरी हो जातीं, हम चंडीगढ़ जाकर दिल्ली की तरह आंदोलन करेंगे।

किसानों का कहना है कि पंजाब सरकार के साथ उनकी बातचीत का कोई नतीजा न निकलने के बाद उन्होंने विरोध प्रदर्शन करने का फैसला किया है।

मंगलवार की सुबह 23 किसान संगठनों के नेताओं ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से मुलाकात की थी। उनकी मांग में 500 रुपये का बोनस, गेहूं के निर्यात पर रोक हटाना, धान रोपने के शेड्यूल को रद्द करना, 24 घंटे बिजली की सप्लाई, 23 फसलों पर एमएसपी का नोटिफिकेशन शामिल था।

किसान संगठनों को मुख्यमंत्री भगवंत मान के आधिकारिक निवास पर आमंत्रित किया गया था लेकिन जानकारी के मुताबिक सीएम से उनकी बात नहीं हो पाई। कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा का कहना है कि भगवंत मान किसानों की बातों पर गौर किए बिना ही अरविंद केजरीवाल से मिलने दिल्ली चाले गए। उन्होंने कहा कि मान को किसानों से ज्यादा केजरीवाल की चिंता है। उन्होंने आरोप लगाया कि केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने किसान आंदोलन का समर्थन किया था।

 

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